Coronavirus (Covid-19): कोरोना संकट के बीच अच्छी खबर, इस राज्य में धान का बंपर उत्पादन

Coronavirus (Covid-19): मौजूदा रबी सीजन (Rabi Season) के दौरान लगभग 40 लाख एकड़ भूमि पर धान की रिकॉर्ड खेती के साथ, राज्य को एक करोड़ टन से अधिक की उपज की उम्मीद है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
Paddy Telangana

Coronavirus (Covid-19): धान (Paddy)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Coronavirus (Covid-19): कोरोना वायरस (Corona Virus) के प्रकोप ने देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को खासा प्रभावित किया है. लंबे समय से बंद पड़ी आर्थिक गतिविधियों से सभी राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है. इस बीच तेलंगाना में धान (Paddy) की बंपर फसल एक उदास माहौल में उमंग की खबर लेकर आई है, जो कि राज्य के राजस्व को बेहतर करने में मदद करेगी. कालेश्वरम सहित कुछ प्रमुख सिंचाई परियोजनाएं इस दिशा में बेहतर अवसरों के मार्ग खोलने वाली हैं. इसके अलावा चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति भारत का सबसे नए राज्य के लिए किसी सौगात से कम नहीं है, क्योंकि तेलंगाना अब भारत के नए धान के कटोरे के रूप में उभरने के मार्ग पर है, जिसकी किसी ने उम्मीद तक नहीं की थी.

Advertisment

यह भी पढ़ें: Covid-19: गरीबों तक अनाज पहुंचाने के लिए सभी राज्यों ने उठाया ये कदम, सिर्फ ये राज्य रह गया पीछे

तेलंगाना में 40 लाख एकड़ भूमि पर धान की रिकॉर्ड खेती
यहां मौजूदा रबी सीजन (Rabi Season) के दौरान लगभग 40 लाख एकड़ भूमि पर धान की रिकॉर्ड खेती के साथ, राज्य को एक करोड़ टन से अधिक की उपज की उम्मीद है. राज्य को अस्तित्व में आए छह साल हो चुके हैं और यह अभी तक का सबसे अधिक उत्पादन है. किसानों से सीधे धान खरीदने के लिए गांवों में लगभग 7,000 केंद्र खोलते हुए तेलंगाना भारतीय खाद्य निगम (FCI) के गोदामों से चावल की आपूर्ति के साथ अन्य राज्यों की आवश्यकताओं को भी पूरा कर रहा है. तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक को लगभग 2.52 लाख टन चावल की आपूर्ति की गई है. एफसीआई के अधिकारी पश्चिम बंगाल से भी आवश्यकता को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: MCX पर सोने और चांदी में कैसी रहेगी चाल, देखिए आज की टॉप ट्रेडिंग कॉल्स

तेलंगाना में सहायता के रूप में तीन लाख टन मुफ्त चावल वितरित किया गया
तेलंगाना ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को लॉकडाउन अवधि के दौरान सहायता के रूप में तीन लाख टन मुफ्त चावल वितरित किया है, जो कि एक सराहनीय कदम है. धान उत्पादन के क्षेत्र में राज्य की यह उन्नति बड़ा मायने रखती है और बड़ी उपलब्धि भी है. इसके अलावा बिजली की कमी पर काबू पाना इससे भी बड़ी उपलब्धि रही है. आंध्र प्रदेश से अलग होने के समय कुछ लोग आशंका जता रहे थे कि नया राज्य अंधकार में डूब जाएगा, मगर तेलंगाना ने इसे गलत साबित करके दिखाया है. सरकार का कहना है कि तेलंगाना देश का एकमात्र राज्य है, जो 24.16 लाख किसानों को कृषि के लिए चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति प्रदान करता है. इसने किसानों को उनके खेतों में समय पर पर्याप्त सिंचाई करने में सक्षम बनाया है.

यह भी पढ़ें: Coronavirus (Covid-19): केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत, मोदी सरकार पेंशन में नहीं करेगी कटौती

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा है कि कलेश्वरम जैसी प्रमुख परियोजनाओं का निर्माण, चल रही परियोजनाओं का पूरा होना, मिशन ककटिया के तहत टैंकों के पुनरुद्धार के अलावा चौबीसों घंटे बिजली देने से किसानों को भरपूर मात्रा में पानी मिल रहा है. प्रदेश में 2018-19 के रबी सीजन में धान की खेती का रकबा 18.35 लाख एकड़ था और यह अब बढ़कर 39.12 लाख एकड़ हो गया है. वहीं 2014-15 में यह रकबा केवल 12.23 लाख एकड़ ही था. मुख्यमंत्री राव को हर साल 2.25 करोड़ टन धान की खेती का भरोसा है. इसका मतलब है कि प्रत्येक सीजन में उपज एक करोड़ टन से अधिक होगी. कृषि मंत्री एस. निरंजन रेड्डी का मानना है कि राज्य तीन वर्षों में भारत के चावल के कटोरे के रूप में उभरेगा.

Rabi Season covid-19 Coronavirus Lockdown paddy economy corona-virus telangna coronavirus
      
Advertisment