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भारत में कोरोना संकट से ऑयल प्रोडक्ट्स पर पड़ सकता है बड़ा असर

Coronavirus (Covid-19): भारत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए दुनिया के ऑयल एक्सपोर्ट्स के ऊपर भी इसका साफ असर दिखाई पड़ रहा है. देश में कोरोना संकट का असर ईंधन की कीमतों पर दिखाई पड़ने लगा है.

Updated on: 28 Apr 2021, 01:42 PM

highlights

  • भारत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए दुनिया के ऑयल एक्सपोर्ट्स के ऊपर पड़ा नकारात्मक असर  
  • कोरोना की वजह से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश भारत ईंधन की मांग को कम कर सकता है

नई दिल्ली :

Coronavirus (Covid-19): देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जनजीवन को अस्तव्यस्त कर दिया है. कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. देशभर के अस्पतालों में बेड की किल्लत देखने को मिल रही है. साथ ही ऑक्सीजन की कमी भी हर तरफ दिखाई पड़ रही है. भारत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन समेत कई देश भारत की मदद करने के लिए आगे आए हैं. भारत की मौजूदा स्थिति को देखते हुए दुनिया के ऑयल एक्सपोर्ट्स के ऊपर भी इसका साफ असर दिखाई पड़ रहा है. देश में कोरोना संकट का असर ईंधन की कीमतों पर दिखाई पड़ने लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को ऑयल की कीमतों में करीब 1 डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी. 

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कोरोना की वजह से ईंधन की मांग को कम कर सकता है भारत 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ईंधन निर्यातकों को इस बात का डर है कि कोरोना महामारी की वजह से दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश भारत ईंधन की मांग को कम कर सकता है. हालांकि जानकारों का कहना है कि तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक और उसके सहयोगी देशों की ओर से सप्लाई बढ़ने से कीमतों में गिरावट आ सकती है. विदेशी बाजार में ब्रेंट क्रूड 66 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 63 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत और जापान में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से इन देशों में आवाजाही पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं. बता दें कि भारत और जापान तीसरे और चौथे सबसे बड़े क्रूड ऑयल इंपोर्टर हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में मौजूदा कोरोना संकट की वजह से कच्चे तेल की मांग में कमी दर्ज की जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्लेषकों का अनुमान है कि भारत में अप्रैल के दौरान पेट्रोल की रोजाना मांग में 1,00,000 बैरल (बीपीडी) की कमी हो सकती है. वहीं मई के दौरान यह मांग घटकर 1.70 लाख बैरल से ज्यादा हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्च के दौरान भारत में पेट्रोल की कुल बिक्री करीब 7.47 लाख बैरल दर्ज की गई थी. अप्रैल के दौरान डीजल की मांग घटकर 2.20 लाख बैरल हो सकती है. वहीं मई में यह आंकड़ा 4 लाख बैरल हो सकता है.