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Cabinet Meeting Today: खाद्य तेल की कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने बनाई बड़ी योजना

Cabinet Meeting Today: केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि खाद्य तेल की पूर्ति हो और इसका उत्पादन बढ़े इसको लेकर सरकार दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने की योजना है.

Updated on: 18 Aug 2021, 04:17 PM

highlights

  • नार्थ ईस्टर्न रीजनल एग्री मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के लिए कैबिनेट में फैसला लिया गया 
  • पाम आयल का 56 फीसदी हिस्सा हमें आयात करना पड़ता है: नरेंद्र सिंह तोमर

नई दिल्ली :

Cabinet Meeting Today: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि किसान की आय को दोगुना करने के लिए कुछ कदम उठाए गए है. उन्होंने कहा कि खाद्य तेल का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए खाद्य तेल के क्षेत्र में निवेश किया जाएगा. इसके अलावा आयात कम करने की भी योजना है ताकि किसानों को लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि नार्थ ईस्टर्न रीजनल एग्री मार्केटिंग कॉर्पोरेशन के लिए कैबिनेट में फैसला लिया गया है. इससे नार्थ ईस्ट के किसानों का लाभ मिलेगा. 

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दूसरे देशों पर खाद्य तेल की निर्भरता कम करने की योजना
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि खाद्य तेल की पूर्ति हो और इसका उत्पादन बढ़े इसको लेकर सरकार दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने की योजना है. उन्होंने कहा कि पाम आयल का 56 फीसदी हिस्सा हमें आयात करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि देश में 28 लाख हेक्टेयर ऐसा क्षेत्र है जहां तिलहन की खेती की जा सकती है जिसमें से 9 लाख हैक्टेयर खेती पाम आयल के लिए की जा सकती है. उन्होंने कहा कि छोटे किसानों के लिए पाम आयल की खेती बड़ी चुनौती है. तेल के दाम बढ़ते घटते रहते हैं और नार्थ ईस्ट दुर्गम क्षेत्र है ये भी एक चुनौती है. इसलिए भारत सरकार ने आयल पाम मिशन को शुरू करने का फैसला लिया है. 

उन्होंने कहा कि भाव को लेकर आज कैबिनेट ने 2 फैसले लिए पहला, पाम आयल के दाम सरकार तय करे और अगर बाजार में उतार चढ़ाव आया तो अंतर की राशि को सरकार वहन कर सकेगी ताकि किसानों को नुकसान न हो. किसानों के लिए खेती सामग्री देने में अब बढ़ोतरी की गई  है. उद्योगों को 5 करोड़ की सहायता राशि देने का निर्णय जो पाम इंडस्ट्री के लिए काम करते हैं. पौध की कमी को दूर करने के लिए 15 एकड़ की नर्सरी को 80 लाख रुपये देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने का कि भारत सरकार पर लगभग 11 हज़ार करोड़ का खर्च इससे आएगा. वहीं छोटे-छोटे क्षेत्रों में पाम आयल की खेती हो सके इसको लेकर यह बड़ा निर्णय है.