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अमेरिका-ईरान के तनाव के बीच भारत का उद्योग जगत 'सहमा', चाय और बासमती चावल का रुका निर्यात

अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर उद्योग जगत में चिंता का माहौल है.

Updated on: 05 Jan 2020, 08:07 PM

नई दिल्ली:

अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध की आशंका बढ़ती जा रही है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर उद्योग जगत में चिंता का माहौल है. भारत में ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स असोसिएशन ने निर्यातकों को कहा है कि जब तक हालात सामान्य न हो जाए, वे ईरान में बासमती चावल का निर्यात रोक दें. इसके साथ ही तेहरान को होने वाले चाय के आयात पर असर पड़ सकता है. अगर युद्ध जैसी स्थिति बनती है तो ईरान को चाय का निर्यात नहीं हो पाएगा.

बता दें कि अमेरिका ने शुक्रवार को एक ड्रोन हमले में ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया, जिसके बाद मध्य-पूर्व में एक नए युद्ध की आंशका पैदा हो गई है.

टी बोर्ड के चेरमैन पीके बेजबरूआ ने कहा, 'अगर अमेरिका तथा ईरान के बीच युद्ध होता है तो इसका असर पड़ेगा.' सीआईएस (कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स) के बाद ईरान भारत के सबसे बड़े चाय आयातक देश के रूप में उभरा है.

टी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, ईरान को नवंबर 2019 तक 5.043 करोड़ किलोग्राम चाय का आयात किया गया, जबकि सीआईएस देशों को कुल 5.280 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया गया.

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बेजबरूआ ने आगे कहा कि ज्यादा कीमतें मिलने के कारण पिछले साल चाय निर्यातकों ने ईरानी बाजार का रुख किया था. आईटीए के पूर्व चेयरमैन एवं एमडी तथा गुडरीक ग्रुप के सीईओ अतुल अस्थाना ने कहा, 'अगर लड़ाई होती है तो ईरान को चाय का निर्यात नहीं हो पाएगा.

अधिकारियों ने हालांकि कहा है कि अगर ईरान को चाय के निर्यात में बाधा आती है तो इंडस्ट्री फिर से सीआईएस देशों को निर्यात पर विचार करेगा, लेकिन कीमतों में बहुत ज्यादा मोलभाव नहीं होगा.

ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स असोसिएशन (AIREA) ने भी निर्यातकों को ईरान को बासमती चावल का निर्यात रोक देने को कहा है. AIREA ने कहा है कि भारत के बासमती चावल का ईरान एक प्रमुख आयातक देश है और अगर निर्यात पर असर पड़ता है तो घरेलू कीमतों पर असर पड़ेगा जिसका प्रभाव किसानों पर देखने को मिलेगा.

पिछले वित्त वर्ष में भारत ने कुल 32,800 करोड़ रुपये का बासमती चावल निर्यात किया था, जिसमें से लगभग 10,800 करोड़ रुपये कीमत का चावल ईरान को निर्यात किया था.

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AIREA के प्रेजिडेंट नाथी राम गुप्ता ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में ईरान को बासमती चावल का निर्यात करना संभव नहीं है. हमने अपने सदस्यों को एक अडवाइजरी जारी किया है, जिसमें उनसे ऐहतियात बरतने तथा हालात सामान्य होने तक उन्हें ईरान को चावल निर्यात नहीं करने को कहा है.

मतलब ईरान और अमेरिका के बीच जब तक तनाव कम नहीं होते तब तक भारत को भी कुछ नुकसान उठाना पड़ सकता है. पेट्रोल की कीमत में भी उछाल आ सकता है.