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उत्तर प्रदेश में बढ़ सकता है शराब और बीयर का दाम

उत्तर प्रदेश में अप्रैल से शराब पीने और पिलाने वाले लोगों की जेब पर असर पड़ सकता है. वित्तीय वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में शराब व बीयर की दुकानों की लाइसेंस फीस और एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव है.

Updated on: 04 Jan 2020, 11:23 AM

लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में अप्रैल से शराब पीने और पिलाने वाले लोगों की जेब पर असर पड़ सकता है. वित्तीय वर्ष 2020-21 की आबकारी नीति में शराब व बीयर की दुकानों की लाइसेंस फीस और एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव है. जिसके बाद उत्तर प्रदेश में शराब और बीयर के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है. फिलहाल शराब व बीयर विक्रेताओं, शराब बनाने वाली डिस्टलरियों के प्रतिनिधियों व विभाग के अधिकारियों के साथ कई चक्रों की बातचीत के बाद आबकारी नीति को अंतिम रूप दिया गया है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आबकारी आयुक्त ने नीति का मसौदा शासन को भेज दिया है. उम्मीद है कि अगले 15 दिनों में अगले वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी नीति घोषित कर दी जाएगी. इसके बाद जनवरी के अंतिम सप्ताह से शराब व बीयर की दुकानों के लाइसेंस आवंटन की प्रक्रिया शुरु हो जाएगी.

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सबसे पहले उन विक्रेताओं के लाइसेंस का नवीनीकरण होगा जिन्होंने मानक को पूरा किया होगा. जो विक्रेता नवीनीकरण नहीं करा सकेंगे उनकी दुकानों के लाइसेंस आवंटन के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित होंगे और फिर लाटरी ड्रा कराया जाएगा. प्रदेश सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए एक साथ ही इस साल की शुरुआत में आबकारी नीति तय कर दी थी.

बार कोड स्कैनिंग खत्म करने की मांग

अभी तक शराब की दुकान के खुलने का समय सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक होता है. लेकिन राजस्व बढ़ाने के लिए अधिकारी इसमें बदलाव करवाना चाहते हैं. विभाग के अधिकारी सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक शराब बिक्री चाहते हैं. शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने आबकारी आयुक्त और प्रमुख सचिव आबकारी को इस बारे में एक ज्ञापन भी सौंपा था. इस ज्ञापन में मौजूदा नीति के कई बिंदुओं पर ऐतराज जताया गया है. विक्रेताओं ने मांग की है कि हर बोतल पर अंकित बार कोड की स्कैनिंग की अनिवार्यता को खत्म की जाए.