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वित्तमंत्री के बजट भाषण में 48 बार 'टैक्स' का जिक्र, फिर भी टैक्सपेयर्स खाली हाथ

बीमा कानून 1938 में बदलाव करके एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी की मंजूरी दी गई, लेकिन शर्त है कि बोर्ड में भारतीय ही मेंबर होंगे. इससे देश के बीमा क्षेत्र में रोजगार बढ़ेंगे.

Updated on: 01 Feb 2021, 05:25 PM

नई दिल्ली :

सोमवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में टैक्स शब्द का 48 बार जिक्र किया. आपको बता दें कि यह सोमवार को पेश किए गए बजट में सबसे ज्यादा बार टैक्स शब्द का इस्तेमाल किया गया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 48 बार टैक्स का जिक्र इस तरह से किया. बजट के परिवहन के बारे में जिक्र करते हुए (28 बार), इंफ्रास्ट्रक्चर (29 बार), स्वास्थ्य (25 बार), अर्थव्यवस्था (21 बार), कोरोना का जिक्र करते हुए 16 बार कोरोना शब्द का इस्तेमाल किया. वहीं रोजगार, डिजिटल और युवा का जिक्र करते हुए टैक्स शब्द को महज 7 बार इस्तेमाल किया.

बजट 2021-22 में केंद्र सरकार के कई बड़े अहम फैसले लिए गए, इनमें से बैंकिंग, बीमा और कषि क्षेत्र सहित कई सेक्टर शामिल हैं. बीमा सेक्टर में एफडीआई को बढ़ाने का ऐलान किया गया है. बीमा कानून 1938 में बदलाव करके एफडीआई को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी की मंजूरी दी गई, लेकिन शर्त है कि बोर्ड में भारतीय ही मेंबर होंगे. इससे देश के बीमा क्षेत्र में रोजगार बढ़ेंगे.

वित्तमंत्री ने देश के उन बुजुर्गों को जिनकी उम्र 75 साल के ऊपर है उन्हें भी इस बजट में शानदार तोहफा दिया है. वित्तमंत्री ने ऐसे बुजर्गों को टैक्स स्लैब से बाहर रखते हुए इन्हें आयकर रिटर्न से छूट दे दी है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि ऐसे बुजर्गों को पेंशन से होने वाली कमाई पर अब टैक्स नहीं देना होगा. हालांकि, टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है जिससे आम टैक्सपेयर्स की सरकार के प्रति उम्मींदें टूटती हुईं दिखीं हैं. 

वित्तमंत्री ने इनके अलावा स्वास्थ्य बजट को भी बढ़ावा दिया है. वित्त अलावा स्वास्थ्य बजट को 94 हजार करोड़ से बढ़ाकर 2 लाख 23 हजार करोड़ किया गया है. कोरोना वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया है. साथ ही 17 नए पब्लिक हेल्थ यूनिट खोलने का ऐलान किया गया है. बजट में 15 हेल्थ इमरजेंसी सेंटर और 2 मोबाइल अस्पताल खोले जाने का भी प्रावधान किया गया है.