Union Budget 2023: बजट से पहले क्यों बनाया जाता है हलवा? जानिए Halwa Ceremony का इतिहास
Union Budget 2023: एक फरवरी 2023 को देश का आम बजट संसद में पेश होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) एक बार फिर यूनियन बजट 2023-24 पेश करने जा रही हैं
New Delhi:
Union Budget 2023: एक फरवरी 2023 को देश का आम बजट संसद में पेश होगा. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ) एक बार फिर यूनियन बजट 2023-24 पेश करने जा रही हैं. क्योंकि यह कोरोना काल के बाद और 2024 के आम चुनाव से ठीक पहला बजट है इसलिए देश की जनता इसको लेकर ज्यादा आशान्वित है. मौजूदा सरकार के इस अंतिम बजट में लोगों को टैक्स आदि में राहत मिलने की उम्मीद है. खैर बजट कैसा रहेगा या कैसा नहीं, इस विषय पर किसी और दिन बात करेंगे. आज हम बात करने जा रहे हैं बजट से पहले वाली हलवा सेरेमनी ( Halwa Ceremony ) की. देश में आम बजट की बात हो और हलवा सेरेमनी का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता. हालांकि कोरोना महामारी के चलते पिछले साल इस सेरेमनी का आयोजन नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार हलवा सेरेमनी होगी ऐसा माना जा रहा है.
क्या है हलवा सेरेमनी ( Halwa Ceremony )
इंडियन कल्चर में माना जाता है कि किसी भी बड़े व शुभ काम की शुरुआत मीठे से होनी चाहिए. यही वजह है कि संसद में आम बजट को पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी का आयोजन कर सबका मुंह मीठा कराया जाता है. सरकारें सालों से इस परंपरा का पालन करती आ रही हैं. हालांकि कोरोना के प्रकोप के चलते पिछले साल हलवा सेरेमनी का आयोजन नहीं हो पाया था और इसके स्थान पर मिठाई बांटी गई थी. इस परंपरा के चलते हर साल आम बजट से पहले नॉर्थ ब्लॉक में बाकायदा कढ़ाई चढ़ती है और हलवा बनाया जाता है. केन्द्रीय वित्त मंत्री समेत वित्त मंत्रालय के सभी अफसर इस प्रोग्राम में शामिल होते हैं. वित्त मंत्री खुद अपने हाथों से सबको हलवा बांटते हैं. हलवा सेरेमनी तब आयोजित किया जाता है जब बजट का दस्तावेजीकरण हो जाता है और उसे छपने के लिए भेजने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.
10 दिनों के दुनिया से कट जाते हैं अधिकारी
क्योंकि बजट बनाने की प्रक्रिया बहुत ही महत्वपूर्ण होती है और इसको लेकर पूरी चौकसी बरती जाती है. बजट से जुड़ी एक भी जानकारी लीक न हो जाए, इसलिए बजट निर्माण में शामिल सभी अधिकारी 10 दिनों के लिए नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में चले जाते हैं. इस दौरान बाहरी दुनिया से उनका कोई संपर्क नहीं रहता. जब तक बजट संसद में पेश न कर दिया जाए और वित्त मंत्री अपना बजट भाषण न बढ़ दें तब तक इन अधिकारियों को बेसमेंट में ही रहना होता है.
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