Union Budget 2019: जब बजट के दौरान निर्मला सीतारमण ने सुनाई शायरी और चाणक्य नीति

दरअसल चाणक्य नीति और उर्दू शायरी के जरिए निर्मला सीतारमण मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर करना चाहती थीं

दरअसल चाणक्य नीति और उर्दू शायरी के जरिए निर्मला सीतारमण मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर करना चाहती थीं

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Aditi Sharma
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Union Budget 2019: जब बजट के दौरान निर्मला सीतारमण ने सुनाई शायरी और चाणक्य नीति

फोटो- IANS

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के बाद वित्ता मंत्री निर्मला सीतारमण पहला बजट पेश कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने देश की जनता के लिए कई बड़े ऐलान किए. अपने भाषण के दौरान निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए चाणक्य नीति और उर्दू शायरी का इस्तेमाल किया. निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था के 5 ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य की बात करते हुए चाणक्य नीति का जिक्र किया. उन्होंने कहा, कार्य पुरुषा करे, ना लक्ष्यम संपा दयाते' यानी इच्छाशक्ति के साथ कोशिM की जाए तो लक्ष्य जरूर हासिल कर लिया जाता है.निर्मला सीतारमण ने इस दौरान उर्दू शायरी भी पढ़ी. उन्होंने कहा, 'यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चराग जलता है.'

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ये उर्दू शायरी मशहूर शायर मंजूर हाशमी की है. इसका मतलब, अगर आपको खुद पर यकीन है तो हवा के सहारे भी चिराग चलाया जा सकता है. दरअसल चाणक्य नीति और उर्दू शायरी के जरिए निर्मला सीतारमण मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को जाहिर करना चाहती थीं.उन्होंने जब हम अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने की बात करते हैं, तो कई लोग आश्चर्य करते हैं कि क्या यह संभव है. देश के नागरिकों की इच्छा और सरकार के नेतृत्व को देखते हुए, यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है.उन्होंने कहा, 2014 में अर्थव्यवस्था 1.8 ट्रिलियन डॉलर थी जो 2019 में 2.7 ट्रिलियन डॉलर हो गई और अब इसे बढ़ाकर 5 ट्रिलियन डॉलर करना है.

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