Union Budget 2019: बजट के दिन ब्रीफकेस लाने की दिलचस्प कहानी, जानें यहां
Union Budget 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्र सरकार अपना पहला पूर्ण बजट आज पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानि शुक्रवार (5 जुलाई) को पूर्ण बजट (Budget) पेश करेंगी.
नई दिल्ली:
Union Budget 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई में केंद्र सरकार अपना पहला पूर्ण बजट आज पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानि शुक्रवार (5 जुलाई) को पूर्ण बजट (Budget) पेश करेंगी. सभी की निगाहें वित्त मंत्री के ब्रीफेकस पर लगी हुई है. लोगों को उम्मीद है कि इस बजट से काफी कुछ मिल सकता है. इस रिपोर्ट में हम ब्रीफकेस के इतिहास को जानने की कोशिश करेंगे.
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बजट नाम कैसे पड़ा
बता दें कि 1733 में ब्रिटेन की सरकार के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री रॉबर्ट वॉलपोल संसद में बजट पेश किया था. बजट पेश करने से पहले उनके हाथ में एक चमड़े का थैला था. इस चमड़े के थैले को फ्रेंट भाषा में बुजेट कहा गया. बाद में बुजेट को बजट कहा जाने लगा.
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अंग्रेजों की देन है ब्रीफकेस लाने की परंपरा
भारत में बजट के दिन ब्रीफकेस लाने की परंपरा अंग्रेजों की ही देन है. बजट के दिन वित्त मंत्री ब्रीफकेस के साथ संसद पहुंचते हैं. बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष वित्त मंत्री से अपना ब्रीफकेस खोलकर बजट पेश करने का आग्रह करते हैं.
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26 जनवरी 1947 को वित्त मंत्री आरके शानमुखम चेट्टी ने पहली बार बजट पेश किया तो वो संसद में एक चमड़े का थैला लेकर संसद आए थे. उसके बाद देश के कई वित्त मंत्री संसद में थैले के साथ आते रहे. बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री-वित्त मंत्री मनमोहन सिंह संसद में पहली बार ब्रीफकेस लेकर पहुंचे थे.
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