Union Budget 2019: 49 साल बाद बजट पेश करने वाली देश की दूसरी महिला बनेंगी निर्मला सीतारमण
इस बार बजट से जहां कर्मचारियों को जहां आयकर में छूट मिलने की उम्मीद है, वहीं उद्यमी और कॉरपोरेट घराने बजट को लेकर काफी आशावान हैं. बजट को लेकर गृहिणियों, व्यापारी, ज्वैलर्स, छोटे कारोबारी, मध्यम व लघु उद्योगों के अलावा खेती-किसानी से जुड़े लोगों को भी इस बजट से काफी कुछ मिलने की उम्मीदें जताई जा रही हैं
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई केंद्र सरकार (Modi Sarkar 2.0) शुक्रवार को अपना पहला बजट पेश करेगी. वित्त मंत्री के रूप में पहली बार निर्मला सीतारमण पूर्णकालिक बजट पेश करने जा रही हैं. ऐसा करने वाली वो देश की दूसरी महिला होंगी. इससे पहले प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री इंदिरा गांधी भी बजट पेश कर चुकी है. उन्होंने 49 साल पहले 1970 में 28 फरवरी को बजट पेश किया था और बजट पेश करने वाली देश की पहली महिला बनीं थी. इसके बाद किसी महिला को दोबारा बजट पेश करने का मौका
काफी सालों बाद मिल रहा है.
क्या था इंदिरा गांधी के बजट में खास
इंदिरा गांधी ने बजट में सिगरेट ड्यूटी 3 फीसदी से बढ़ाकर से 22 फीसदी कर दी थी. इसके साथ ही आयकर में छूट की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दी थी. इसके साथ उन्होंने गिफ्ट टैक्स की सीमा को घटाकर भी आधा कर दिया था. इसके अलावा EPF में सरकार के योगदान के घोषणा की थी.
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इस बार के बजट से क्या है लोगों को उम्मीद?
इस बार बजट से जहां कर्मचारियों को जहां आयकर में छूट मिलने की उम्मीद है, वहीं उद्यमी और कॉरपोरेट घराने बजट को लेकर काफी आशावान हैं. बजट को लेकर गृहिणियों, व्यापारी, ज्वैलर्स, छोटे कारोबारी, मध्यम व लघु उद्योगों के अलावा खेती-किसानी से जुड़े लोगों को भी इस बजट से काफी कुछ मिलने की उम्मीदें जताई जा रही हैं.
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बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में फंड बढ़ाया जा सकता है, वहीं 60 साल की उम्र पूरी कर चुके छोटे दुकानदारों और किसानों के लिए पेंशन का भी प्रावधान किया जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के समय इन मुद्दों को काफी आवाज दी थी. दूसरी ओर, सुधारों को लेकर सरकार को बजट में कड़े प्रावधान करने की भी चुनौती है. अब देखना यह है कि पहले बजट में सरकार किन-किन वादों को जगह देती है. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया. आर्थिक सर्वे में 2019-20 के लिए जीडीपी 7 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है. वहीं 2025 तक 5 ट्रिलियन की इकोनॉमी बनाने का भी खाका पेश किया गया है.
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