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दुनियाभर में आई मंदी का असर भारत पर भी पड़ा, आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का बड़ा बयान

Economic Survey 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.

Updated on: 31 Jan 2020, 02:53 PM

नई दिल्ली:

Economic Survey 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण को संसद के पटल पर पेश कर दिया है. उन्होंने वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020 में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को ग्रोथ बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने होंगे. वित्त वर्ष 2021 में पेट्रोलियम सब्सिडी पर असर पड़ सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि फूड सब्सिडी पर काबू पाने पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भविष्य में घरों की बिक्री बढ़ी तो बैंक और NBFCs को काफी फायदा हो सकता है.

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2013-17 के दौरान कंपनियों ने बेहद कम निवेश किया
मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (Krishnamurthy Subramanian) ने कहा है कि दुनियाभर में आई मंदी की वजह से भारत पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस साल की आर्थिक सर्वे (Eco Survey) की थीम 'वेल्थ क्रिएशन' है. उन्होंने कहा कि 2008-12 के दौरान जिन कंपनियों ने कर्ज लिया था उनमें से कुछ ही कंपनियों ने 2013-17 के दौरान निवेश किया.

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विलफुल डिफॉल्टर्स की वजह से सामाजिक क्षेत्रों में नहीं हुआ निवेश
सुब्रमण्यन ने कहा कि वर्ष 2017 के बाद मंदी की सबसे बड़ी वजह 2013 के बाद से निवेश में आई कमी है. उन्होंने कहा कि यदि विलफुल डिफॉल्टर्स द्वारा धन का क्षरण नहीं किया गया होता तो हम सामाजिक क्षेत्रों पर लगभग दोगुनी राशि खर्च कर सकते थे. उद्यमियों द्वारा धन सृजनकर्ताओं के विश्लेषण से पता चलता है कि धन सृजन से सभी को लाभ होता है.