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RBI निदेशक डॉ. सचिन चतुर्वेदी ने WTO से लेकर विश्व बैंक तक गाड़े हैं झंडे, जानें पूरा सफर

संयुक्‍त राष्‍ट्र खाद्य और कृषि संगठन, विश्‍व बैंक, यूएन-ईएससीएपी, यूनेस्‍को, ओईसीडी, राष्‍ट्रमंडल सचिवालय, आईयूसीएन तथा पर्यावरण और वन मंत्रालय में परामर्शदाता के रूप में भी कार्य किया है

Updated on: 05 Jul 2019, 04:26 PM

highlights

  • सचिन चतुर्वेदी आरबीआई के निदेशक हैं
  • जेएनयू में प्रोफेसर भी रहे हैं
  • विश्व बैंक में कई काम किए हैं

ऩई दिल्ली:

डॉ. सचिन चतुर्वेदी नई दिल्‍ली स्थित एक स्‍वायत्‍त विचारक मंडल विकासशील देशों के लिए अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) में महानिदेशक हैं. वे येल विश्‍वविद्यालय में मैकमिलन सेंटर फॉर इंटरनेशनल अफेयर्स में ग्‍लोबल जस्टिस फेलो भी थे. वे विकास सहयोग नीतियों और दक्षिण-दक्षिण सहयोग से संबं‍धित मुद्दों पर कार्य करते हैं. उन्‍होंने डब्‍ल्‍यूटीओ पर विशेष फोकस के साथ व्‍यापार और नवाचार सहबद्धताओं पर भी कार्य किया है.

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डॉ. चतुर्वेदी ने जवाहरलाल नेहरू विश्‍वविद्यालय (जेएनयू) में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में काम किया है. संयुक्‍त राष्‍ट्र खाद्य और कृषि संगठन, विश्‍व बैंक, यूएन-ईएससीएपी, यूनेस्‍को, ओईसीडी, राष्‍ट्रमंडल सचिवालय, आईयूसीएन, भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा पर्यावरण और वन मंत्रालय में परामर्शदाता के रूप में भी कार्य किया है. वे एम्‍स्‍टर्डम विश्‍वविद्यालय में विकासशील देश फेलो (1996), उच्‍चस्‍तरीय अध्‍ययन संस्‍थान, शिमला में विजिटिंग फेलो (2003) और जर्मन विकास संस्‍थान में विजिटिंग स्‍कॉलर (2007) रहे हैं.

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उनके अनुभव में डच विदेश मंत्रालय द्वारा समर्थित, विकासशील देशों के लिए अंतरराष्‍ट्रीय विकास सहयोग और जैव प्रौद्योगिकी पर परियोजना पर एम्‍स्‍टर्डम विश्‍वविद्यालय में कार्य करना शामिल है. वे आईडीएस बुलेटिन (यूके) के संपादकीय सलाहकार बोर्ड पर हैं और एशियाई जैव प्रौद्येगिकी विकास समीक्षा के संपादक हैं. विभिन्‍न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में कई शोध लेखों के प्रकाशन के अतिरिक्‍त, उन्‍होंने नौ पुस्‍तकों को लिखा एवं संपादित किया है.