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कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के बारे में ये बातें आपको बिल्कुल पता नहीं होगी

रवि शंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) बीजेपी के एक कद्दावर नेता है. बीजेपी (BJP) का हर मुद्दे पर बचाव और विपक्ष को हर मुद्दे पर निशाने पर लेना इन्हें बखूबी आता है. आइए जानते हैं रविशंकर प्रसाद के बारे में.

Updated on: 05 Jul 2019, 04:32 PM

नई दिल्ली:

रवि शंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) बीजेपी के एक कद्दावर नेता है. बीजेपी (BJP) का हर मुद्दे पर बचाव और विपक्ष को हर मुद्दे पर निशाने पर लेना इन्हें बखूबी आता है. रविशंकर प्रसाद इस समय पटना साहिब से सांसद और मोदी सरकार में मंत्री हैं. आइए जानते हैं रविशंकर प्रसाद के बारे में.

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रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) का जन्म 30 अगस्त 1954 को बिहार की राजधानी पटना में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. रविशंक प्रसाद के पिता ठाकुर प्रसाद पटना हाईकोर्ट में एक वकील थे. पटना विश्वविद्यालय (Patna University) से प्रसाद ने बीए ऑनर्स, एम.ए (राजनीति विज्ञान) और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है. प्रसाद ने डॉ माया शंकर से शादी की.

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रवि शंकर प्रसाद के राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में हुई. आपात काल के समय प्रमुख आंदोलनकारी जय प्रकाश नारायण की अगुवाई में बिहार में एक छात्रनेता के रूप में यह आंदोलन में उतरे और जेल में भी गए. रविशंकर कई सालों तक ABVP से जुड़े रहे. कॉलेज में प्रसाद छात्र संघ चुनाव में सहायक महासचिव और कला और विधि स्नातक के मेंबर भी रहे हैं. कॉलेज के दिनों में वह पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ के सहायक महासचिव बने. उस वक्त लालू प्रसाद यादव छात्र संघ के अध्यक्ष थे.

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1980 से पटना हाईकोर्ट में उन्होंने वकालत की प्रैक्टिस शुरू की. 1999 में उन्हें पटना हाईकोर्ट का वरिष्ठ एडवोकेट बनाया गया. साल 2000 में वह उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ एडवोकेट बने. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के खिलाफ करोड़ो के चारा घोटाले में वह मुख्य अधिवक्ता भी थे. हवाला मामले में उन्होंने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी की पैरवी की थी. 2010 में प्रसाद अयोध्या टाइटल मुकदमे में मुख्य अधिवक्ता के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पेश हुए.

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अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में प्रसाद को सन 2000 में कोयला एवं खनन राज्य मंत्री बनाया गया. जुलाई 2002 में उन्हें विधि एवं न्याय मंत्री का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया. देश में फास्ट ट्रैक अदालतों के काम मे तेजी लाने का श्रेय भी प्रसाद को जाता है. जब बीजेपी सत्ता से 10 सालों तक दूर रही तो प्रसाद हर मुद्दे पर बीजेपी का बचाव करते रहे. वह पार्टी का प्रमुख चेहरा बने रहे.

रविशंकर प्रसाद के पद

  • प्रसाद भारतीय जनता युवा मोर्चा के 1991 से 95 तक दो कार्यकाल के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे.
  • भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हुए
  • सन 2000 में राज्य सभा के सदस्य निर्वाचित किए गए
  • मई 2000 से 2001 तक पेट्रोलियम, रसायन तथा वित्त मंत्रालय की सलाहकार समितियों के सदस्य बने
  • रविशंकर प्रसाद 1 सितंबर 2001 से 29 जनवरी 2003 तक कोयला और खान मंत्रालय में राज्यमंत्री रहे
  • नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और कानून मंत्रालय संभाला
  • नरेंद्र मोदी 2.0 में अभी वह कानून एवं संचार मंत्री हैं