Rail Budget 2020 Highlights: : पीपीपी मॉडल पर 150 नई ट्रेनें, मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेन
संसद के संयुक्त सदन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत हो गई. पिछले केंद्रीय बजट 2019-20 में रेलवे के लिए 1.6 लाख करोड़ पूंजीगत खर्च का ऐलान किया गया था.
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी. इसमें कमजोर चल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद की उम्मीद की जा रही है. इसके साथ ही भारतीय रेल को यात्रा के लिहाज से और सुविधाजनक बनाने के लिए बजट पर सभी की निगाहें हैं. हालांकि रेल मंत्री पीयूष गोयल इस बात पर संतोष जता चुके हैं कि दुर्घटनाओं के लिहाज से बीता साल बेहतर रहा है. फिर भी आम आमदी की निगाहें इस तरफ लगी हुई है. इस लिहाज से देखें तो शुक्रवार को संसद के संयुक्त सदन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत हो गई. पिछले केंद्रीय बजट 2019-20 में रेलवे के लिए 1.6 लाख करोड़ पूंजीगत खर्च का ऐलान किया गया था.
विद्युतीकरण पर जोर
रेलवे का खर्च कम करने के लिए 2700 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का इलेक्ट्रीफिकेशन होगा. इससे डीजल इंजन के जरिए होने वाले खर्च पर लगाम लगाई जा सकेगी.
मुंबई-अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेन
तेजस जैसी और ट्रेनें चलाई जाएंगी. मुंबई और अहमदाबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाई जाएगी
150 नई ट्रेनें और चलाई जाएंगी
9000 किलोमीटर इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाएंगे. 150 नई ट्रेनें पीपीपी मॉडल पर चलई जाएंगी
किसान रेल सेवा होगी शुरू
भारतीय रेल खास किसानों के लिए किसान रेल सेवा शुरू करेगी. कृषि पर बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी घोषणा.
बजट में निर्भया कोष के लिए भी 267.64 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सरकार ने कार्गो ट्रांसपोर्टेशन के लिए नदियों के इस्तेमाल का रोडमैप तैयार किया है. माना जा रहा है कि इससे सड़क और रेलवे पर दबाव कम होगा.
2030 तक रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 लाख करोड़ के निवेश की जरूरत होगी. इसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) के इस्तेमाल का आह्वान किया है. इस साल से रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण की योजना भी लॉन्च होगी.
बजट में नई लाइनों के निर्माण के लिए 7,255 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है. गॉज कन्वर्जन के लिए 2,200 करोड़ रुपये, डबलिंग के लिए 700 करोड़ रुपये, रोलिंग स्टॉक के लिए 1,750 करोड़ रुपये और सिग्लिंग व टेलीकॉम के लिए 1,750 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. यह आवंटन फरवरी में पेश अंतरिम बजट जैसा है.
2018-19 में रेल का बजट आवंटन 55,088 करोड़ रुपये का था. जबकि पूंजीगत खर्च के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया था.
रेलवे के लिए बजट 2019-20 में 65,837 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है. इसमें पूंजीगत खर्च के लिए 1.60 लाख करोड़ का प्रस्ताव किया गया है. यह अब तक की सबसे ज्यादा रकम है.
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