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बजट 2020: अब हर जिले में होगा मेडिकल कॉलेज, पीपीपी मॉडल पर होगा निर्माण

इसी के साथ वित्त मंत्री ने इस बजट में कई सेक्टरों के लिए योजनाओं की बात की और कई इंडस्ट्रियों को रिवाइव करने की कोशिश कीं.

Updated on: 01 Feb 2020, 12:59 PM

highlights

  • वित्त मंत्री ने पेश किया बजट 2020.
  • वित्तमंत्री ने इस बजट में 99,300 करोड़ रुपये शिक्षा पर दिए हैं.
  • वहीं 2019 में सरकार का कर्ज घटकर जीडीपी का 48.7 फीसदी हो गया है.

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार, 1 फरवरी 2020 को संसद में आम बजट (Union Budget 2020) पेश करते हुए कहा कि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public Private Partnership-पीपीपी) मॉडल के जरिए हर जिला अस्पताल (District Hospitals) के साथ मेडिकल कॉलेज (Medical College) अटैच करने का प्रस्ताव किया गया है. मेडिकल कॉलेज को जिला अस्पताल से अटैच भी किया जाएगा. इसका मतलब है कि अब हर जिले का अपना अलग मेडिकल कॉलेज भी होगा और इन्हें सरकारी जिला अस्पतालों से जोड़ा जाएगा. बजट 2020 में वित्त मंत्री ने ये बात कह कर ये साफ कर दिया है कि मोदी सरकार के एजेंडे में भारत के लोगों का स्वास्थ्य सबसे ऊपर है. जबकि नर्स की भर्ती और उनके प्रशिक्षण के लिए भी मोदी सरकार के इस बजट में प्रतिबद्धता दिखाई गई है. इसी के साथ ही साथ मोदी सरकार ने स्किल डेवलेपमेंट के लिए 3000 करोड़ रुपये भी आवंटित किए है.
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इसी के साथ वित्त मंत्री ने इस बजट में कई सेक्टरों के लिए योजनाओं की बात की और कई इंडस्ट्रियों को रिवाइव करने की कोशिश कीं. निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2020 को सुबह 11 बजे संसद में कार्रवाई के बाद बजट का भाषण देना शुरू किया.


वित्तमंत्री ने इस बजट में 99,300 करोड़ रुपये शिक्षा पर दिए हैं. वहीं तेजस जैसी ट्रेनों से टूरिस्ट प्लेस को जोड़ने की भी योजना है. वहीं शेयर मार्केट में पोर्ट की लिस्टिंग पर भी वित्त मंत्री सीतारमण ने विचार करने की बात कही है.
वहीं 2019 में सरकार का कर्ज घटकर जीडीपी का 48.7 फीसदी हो गया है. वित्त मंत्री ने बताया कि 5 साल में औसतम महंगाई दर 4.5 फीसदी दर्ज की गई. 5 साल में औसत जीडीपी ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी रही.
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और सिंचाई के लिए 2.83 लाख करोड़ आवंटित किए हैं. वहीं 2020-21 के लिए किसान क्रेडिट के लिए 15 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.