संसद के अंतरिम बजट सत्र की कार्यवाही सुचारू तरीके से चलाने के लिए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 31 जनवरी को संसद भवन में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इससे पहले लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन और राज्यसभा चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने भी सर्वदलीय बैठक बुलाई है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 30 जनवरी को तो राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने 31 जनवरी को बैठक बुलाई है.
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1 फरवरी से 13 फरवरी तक संसद का सत्र बुलाया गया है. इस सत्र में सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. नई सरकार चुने जाने के बाद पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. इस बार का बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली की गैर मौजूदगी में कार्यवाहक वित्त मंत्री बनाए गए पीयूष गोयल अंतरिम बजट पेश करेंगे. वित्त मंत्री स्वास्थ्य कारणों से अमेरिका गए हुए हैं और बजट पेश करने के दौरान मौजूद नहीं रहेंगे.
क्या है अंतरिम बजट
अंतरिम बजट चुनावी साल में कुछ वक्त तक देश को चलाने के लिए खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता है. नई सरकार बनाने के लिए जो समय होता है, उस अवधि के लिए अंतरिम बजट संसद में पेश किया जाता है. इस बजट में कोई भी ऐसा फैसला नहीं किया जाता है, जिसमें ऐसे नीतिगत फैसले हों जिसके लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े या फिर कानून में संशोधन की जरूरत हो. अंतरिम बजट की परंपरा है कि इसमें डायरेक्ट टैक्स, जिसमें इनकम टैक्स शामिल है, उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाता. इनडायरेक्ट टैक्सों में भी कम ही बदलाव किया जाता है. सरकार अगर कोई चीज सस्ती करनी चाहे तो वह इंपोर्ट, एक्साइज या सर्विस टैक्स में थोड़ी राहत देती है. अमूमन यह देखा गया है कि अगर किसी और पार्टी की सरकार केंद्र में बनती है तो वह बजट में लिए गए कदमों में बदलाव कर देती है. वह अपनी सोच और नीति के साथ बजट तय करती है. इसलिए अंतरिम बजट में कुछ भी कदम उठाने से बचा जाता है.
Source : News Nation Bureau