Budget 2020: टैक्स पेयर्स के लिए बड़ी राहत, नए टैक्स स्लैब का ऐलान, डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) को हटाया गया
Budget 2020: पिछले बजट में वित्त मंत्री ने अमीरों के ऊपर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया था. जिनकी टैक्सेबल इनकम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा थी, उनके ऊपर सरचार्ज बढ़ा दिया गया था.
नई दिल्ली:
Budget 2020: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट शनिवार (1 फरवरी) को पेश कर दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज दूसरी बार आम बजट पेश किया. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.
वित्त मंत्री ने बजट में टैक्स पेयर्स को राहत देते हुए टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव कर दिया है. 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक आयवालों पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा. 7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये आय पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा. 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये आयवालों के ऊपर 20 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया गया है. वित्त मंत्री ने 12.50 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक इनकम करने वालों के ऊपर 25 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है.
निर्मला सीतारमण ने बजट (Union Budget 2020-21) में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax-DDT) को खत्म करने की घोषणा की है.
वित्त मंत्री ने 12.50 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक इनकम करने वालों के ऊपर 25 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है.
7.5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये आय पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा. 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये आयवालों के ऊपर 20 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकरदाताओं को बड़ी राहत देते हुए आयकर के स्लैब में नया बदलाव कर दिया है. 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये तक आयवालों पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा.
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ 10 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है. वित्त वर्ष 2020-21 में कुल अनुमानित 22.46 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
कॉर्पोरेट बॉन्ड में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाई गई. विदेशी निवेश की सीमा को 9 फीसदी से बढ़ाकर बढ़ाकर 15 फीसदी किया गया.
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में वित्त वर्ष 2020 में फिस्कल डेफिसिट लक्ष्य 3.8 फीसदी रखा है.
वित्त मंत्री ने बजट में टैक्स हैरेसमेंट (Tax Harassment) लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंन कहा कि टैक्स को लेकर किसी को परेशान नहीं किया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि इस बार के बजट में वेतनभोगी वर्ग को कर में राहत दी जाए और ग्रामीण भारत में निवेश किया जाए.
कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर दावा किया, ''बजट 2019 के बाद उपभोग बैठ गया, बेरोजगारी चरम पर है, कृषि संकट बढ़ चुका है, लोगों की आय कम हो गयी है, निवेश लुढ़क गया है, सरकारी खर्च गिर गया है और जीडीपी भी गोते खा रही है.
कांग्रेस ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश होने से पहले शनिवार को कहा कि सरकार को वेतनभोगी तबके को कर में राहत देनी चाहिए और ग्रामीण भारत में निवेश करना चाहिए: भाषा
मौजूदा समय में ढाई लाख रुपये सलाना आय पर कोई टैक्स नहीं है. ढाई से 5 लाख रुपये तक आय पर 5 फीसदी टैक्स है. 5 लाख से 10 लाख रुपये सलाना कमाई पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ज्यादा कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लेने का प्रावधान है.
20 लाख रुपये से 10 करोड़ की सालाना कमाई पर 30 फीसदी और 10 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई पर 35 फीसदी टैक्स लगाने का ऐलान देखने को मिल सकता है.
10 या 12 लाख रुपये से 20 लाख रुपये तक के सालाना आय पर 20 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा देखने को मिल सकती है.
एक उम्मीद यह भी है कि कर छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है. 7 से 12 लाख रुपये या 5 से 10 लाख रुपये तक के सालाना आय पर एक नया टैक्स स्लैब 10 फीसदी का ऐलान किया जा सकता है.
2.50 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक के आय पर लगने वाले 5 फीसदी यानि 12,500 रुपय़े टैक्स का जो छूट सरकार दे रही है इस प्रावधान को 7 लाख रुपये के सालाना आय सीमा तक किया जा सकता है.
बजट में टैक्यपेयर्स के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये किया जा सकता है.
वहीं 1000001 से ज्यादा टैक्सेबल इनकम- पहले 2.50 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक 5 फीसदी के हिसाब से 12500 रुपए का टैक्स+ 5 लाख से 10 लाख रुपए पर 20 फीसदी टैक्स के हिसाब से 1 लाख रुपए+ बाकी इनकमपर 30 फीसदी टैक्स + 4 फीसदी सेस लगता है.
मौजूदा समय में 500001 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक- पहले 2.50 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक 5 फीसदी के हिसाब से 12500 रुपए का टैक्स+बाकी की रकम पर 20 फीसदी टैक्स+4 फीसदी सेस लगता है.
फिलहाल 60 साल की कम उम्र वाले करदाताओं के लिए 2.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं. 2.5 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक -कुल टैक्सेबल इनकम में से 2.5 लाख रुपए घटाकर बाकी रकम पर 5 फीसदी टैक्स और 4 फीसदी सेस. (इसमें 87 A के तहत 12500 रुपए की छूट मिलेगी)
2 करोड़ रुपये से ज्यादा आयवालों को 3 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ा. पिछले बजट में टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं किया गया था.
पिछले साल 5 जुलाई 2019 को पेश हुए बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया था. पिछले बजट में वित्त मंत्री ने अमीरों के ऊपर टैक्स का बोझ बढ़ा दिया था. जिनकी
टैक्सेबल इनकम 2 करोड़ रुपये से ज्यादा थी, उनके ऊपर सरचार्ज बढ़ा दिया गया था.
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