Interim Budget 2024 : निर्मला सीतारमण ने खेल जगत की उपलब्धियों पर बात की. उन्होंने साल 2023 में हुए एशियन गेम्स (asian games) और पैरा एशियन गेम्स (para asian games) की चर्चा की गई. उन्होंने चेस चैंपियन रमेशबाबू प्रगनानंद का जिक्र करते किया, जिन्होंने 2024 टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर भारत के नंबर-1 चेज प्लेयर बने. आइए आपको बताते हैं संसद में खुद फाइनेंस मिनिस्टर ने बजट पेश करने से पहले उपलब्धियों पर बात करते हुए क्या-क्या कहा...
क्या बोलीं फाइनेंस मिनिस्टर?
फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट( Interim Budget 2024 )पेश करने से पहले सभी क्षेत्रों में हुई उपलब्धियों पर बात की. इसी दौरान उन्होंने खेल जगत में हुई तरक्की की जमकर तारीफ की. उन्होंने साल 2023 में हुए एशियन गेम्स और पैरा एशियन गेम्स की चर्चा की गई, जिसमें हिस्सा लेने और मेडल्स जीतने वाले एथलीट्स की संख्या काफी बढ़ी है. साथ ही उन्होंने भारत के नंबर-1 चेस चैंपियन रमेशबाबू प्रगनानंद का नाम लिया और उनकी तारीफ की, जिन्होंने पूरी दुनिया में चेस के खेल में अपना नाम कमाया है और भारत को गर्व महसूस करवाया है.
कौन हैं रमेशबाबू प्रगनानंद?
10 अगस्त 2005 में तमिलनाडु में जन्मे रमेशबाबू प्रगनानंद भारत के एक शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं. वह एक मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. उनके पिता कॉपोरेशन बैंक में काम करते हैं और उनकी मां नागालक्ष्मी एक हाउसवाइफ हैं. उनकी एक बड़ी बहन वैशाली आर हैं और वह भी शतरंज प्लेयर हैं. 10 साल की उम्र में ही इंटरनेशनल लेवल लेवल पर खेलना शुरू कर दिया था और वह ऐसा करने वाले सबसे कम उम्र के चेस प्लेयर बने. इतना ही नहीं 12 साल की उम्र में ही वह ग्रेडमास्टर बन गए.
रोहन को उनकी बड़ी बहन वैशाली ने ही चेस खेलना सिखाया था. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि जब वह छोटी थी, तब उनके पेरेंट्स ने उन्हें टीवी से दूर रखने के लिए ड्रॉइंग और शतरंज क्लास में एडमिशन कराया था. ऐसे में प्रगनानंद भी उन्हें देख-देखकर मोटिवेट हुए और सिर्फ 3 साल की उम्र से ही इस खेल में रुचि लेने लगे और वह पूरी दुनिया में भारत का नाम रौशन कर रहे हैं.
Source : Sports Desk