सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित सशस्त्र बलों के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड बजट आवंटित किया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 9.53% अधिक है.
आधुनिकीकरण पर विशेष जोर
इस बजट में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए 1.80 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत बजट निर्धारित किया गया है. इसमें से 1.12 लाख करोड़ रुपये घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए आरक्षित किए गए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बजट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत 2047' विजन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है.
रक्षा पेंशन में 14% की वृद्धि
रक्षा पेंशन के लिए 1.61 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.87% अधिक है. साथ ही, पूर्व सैनिकों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के तहत ईसीएचएस (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) के लिए 8,317 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.
रक्षा अनुसंधान और विकास (R&D) बजट में 12% वृद्धि
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) को 26,816 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 12.41% अधिक है. इस राशि का उपयोग नई तकनीकों के विकास और निजी क्षेत्र के सहयोग से शोध परियोजनाओं के लिए किया जाएगा.
भारतीय तटरक्षक बल के लिए 43% की बढ़ोतरी
भारतीय तटरक्षक बल के पूंजीगत बजट में 43% की वृद्धि की गई है, जिससे यह 5,000 करोड़ रुपये हो गया है. इस राशि का उपयोग उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर, डोर्नियर विमान और इंटरसेप्टर नौकाओं की खरीद के लिए किया जाएगा.
सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को मिलेगा बढ़ावा
सीमा क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सीमा सड़क संगठन (BRO) को 7,146 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इस राशि से अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान में महत्वपूर्ण सड़क और पुल परियोजनाओं को पूरा किया जाएगा.
रक्षा मंत्री का बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस ऐतिहासिक बजट के लिए बधाई दी और कहा कि यह बजट देश के युवाओं, किसानों, महिलाओं और समाज के अन्य वर्गों के विकास को प्रोत्साहित करेगा. यह बजट भारतीय सशस्त्र बलों की आधुनिक युद्ध परिस्थितियों के लिए तैयारी को मजबूत करेगा और देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे ले जाएगा.