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Defence Budget 2020 Live Updates: पिछले बजट में रक्षा क्षेत्र को मिले थे 3.18 लाख करोड़, बजट 2020-21 में वृद्धि की उम्मीद

इस साल मोदी सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी की जा सकती है, क्योंकि बीते साल के बाद से सीमा पर तनाव बढ़ा है और चुनौतियां भी कम नहीं हुई हैं.

Updated on: 31 Jan 2020, 02:52 PM

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगी. इसमें कमजोर चल रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद की उम्मीद की जा रही है. साथ ही यह भी उम्मीद है कि पाकिस्तान और चीन के तीखे तेवरों के मद्देनजर इस बार रक्षा बजट के मद में भी वृद्धि की जा सकती है. मेड इन इंडिया के माहौल के बीच पहली प्राथमिकता देश की सीमाओं को सुरक्षित बनाए रखना है. इस लिहाज से देखें तो शुक्रवार को संसद के संयुक्त सदन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत हो गई. पिछले केंद्रीय बजट 2019-20 में रक्षा क्षेत्र के लिए 3.18 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे. 

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कुल बजट में पेंशन के भुगतान के लिए अलग से निर्धारित 1,12,079 करोड़ रुपये शामिल नहीं हैं. अगर पेंशन के आवंटन को जोड़ दिया जाता है तो रक्षा बजट 4.31 लाख करोड़ रुपये पहुंच जाता है, जो वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र सरकार के कुल खर्च का 15.47 प्रतिशत था.

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बीते बजट में वेतन के भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर खर्च समेत राजस्व व्यय को 2,10,682 करोड़ रुपये आंका गया था. 2018-19 के बजट में यह 1,88,118 करोड़ रुपये था. 

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इससे पहले बजट में यह राशि 2.98 लाख रुपए थी. रक्षा बजट के लिए आवंटित कुल राशि में1,08,248 करोड़ रुपए नए हथियारों, प्लेटफार्मों और सैन्य हार्डवेयर की खरीद के वास्ते पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित किए गए थे. 

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इस साल मोदी सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी की जा सकती है, क्योंकि बीते साल के बाद से सीमा पर तनाव बढ़ा है और चुनौतियां भी कम नहीं हुई हैं.