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Budget 2024: किफायती घरों की कीमतों में बदलाव, जानें रियल एस्टेट की बजट में वित्त मंत्री से उम्मीदें

हाऊसिंग सेक्टर का मानना है कि बजट में किफायती घरों के केप को बढ़ाने का ऐलान किया जा सकता है. ये बढ़ाकर 65 लाख किया जा सकता है जो वर्तमान में 45 लाख रूपए है.

Updated on: 29 Jan 2024, 07:11 PM

नई दिल्ली :

Budget 2024: 1 फरवरी को वित्त मंत्री अंतरिम बजट पेश करेंगी. इस बजट से न सिर्फ आम जनता को बल्कि बिजनेस सेक्टर को भी काफी उम्मीदें हैं. लोगों को उम्मीद है कि इस साल आम चुनाव होने वाले हैं इसलिए सरकार टैक्स में कुछ राहत का ऐलान कर सकती है. पीएम मोदी का विजन है कि हर किसी का अपना घर हो. इस दिशा में पीएम आवास योजना चलाया जा रहा है. वहीं आमजनों को उम्मीद अफोर्डेबल हाऊस, रियल एस्टेट में निवेश और होम लोन में रिबेट पर कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं. इसी संबंधित उनकी उम्मीदें जानें.

हाऊसिंग सेक्टर का मानना है कि बजट में किफायती घरों के केप को बढ़ाने का ऐलान किया जा सकता है. ये बढ़ाकर 65 लाख किया जा सकता है जो वर्तमान में 45 लाख रूपए है. कहा जा रहा है कि इसका फायदा अधिक से अधिक लोगों को होगा. इसके अलावा टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि किफायती घर हर किसी के लिए अलग हो सकते हैं. ये जगह के अनुसार होना चाहिए. अफोर्डेबल घर का मतलब होता है उसे कार्पेट एरिया के मुताबिक. हम देखते हैं कि मेट्रो सिटी में घर महंगे होते हैं वहीं टायर-2 और टायर-3 सिटी में सस्ते मकान होते हैं. इसलिए इसे शहरों के आधार पर इसका बेस बढ़ा देना चाहिए. 

मेट्रो सिटी के लिए होम लोन 85 लाख तक

रियल एस्टेट एक्सपर्ट का कहना है कि सरकार और बैंक दोनों अपने हिसाब से अफोर्डेबल घर के मायने रखती है. सरकारी रिपोर्ट के अनुसार नॉन मेट्रो सिटी में एक घर या अपार्टमेंट जिसका कार्पेट एरिया 90 स्क्वायर मीटर हो और जिसकी कीमत 45 लाख रूपए तक हो. वहीं 60 स्क्वायर मीटर मेट्रो सिटी में रखा गया है. इसके अलावा बैंक घर पर देने वाले लोन के आधार पर तय करती है. वो चाहतें हैं कि सरकार इस पर तत्काल रूप से ध्यान दें और किफायती घर को मतलब एक बार फिर डिफाइन करें. बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बैंगलुरु के लिए इसे बढ़ाकर 85 लाख तक कर दिया जाए. क्योंकि 60 स्क्वायर मीटर घर या अपार्टमेंट 45 लाख से कहीं अधिक होती है जसे इस रेट में खरीदना संभव नहीं है. इसके साथ ही बड़े शहरों के लिए इसे 60 से 65 लाख कर दिया जाए. इससे अधिक से अधिक लोग फायदा उठा पाएंगे.

ब्याज पर छूट 5 लाख

हाऊसिंग डेवलेपर्स का कहना है कि कोविड काल से ही अफोर्डेबल घर की डिमांड काफी तेजी से गिरी है. पिछले साल इसमें 20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी. वहीं 2022 में ये 30 प्रतिशत गिरावट देखी गई थी. आपकों बता दें कि कोविड काल में ये 40 प्रतिशत तक गिर गया था. इसलिए डेवलपर चाहते हैं कि सरकार कुछ जरूरी कदम उठाएं. इसके साथ ही होम लोन पर 2 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. वित्त मंत्री से मांग की जा रही है कि इसे बढ़ाकर 5 लाख तक कर दिया जाए. इससे बाजार में घरों की डिमांड बढ़ेगी.