वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आने वाली एक फरवरी को बजट पेश करने जा रही हैं. इस दौरान आम जनता को सरकार से राहत मिलने की उम्मीद है. खासतौर पर आयकर रिटर्न की समय सीमा को लेकर छूट मिल सकती है. आयकर रिर्टन दाखिल करने की अंतिम तारीख को 31 जुलाई से आगे बढ़ाया जा सकता है. टैक्स पेयर लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि वित्तीय वर्ष के बाद आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने को लेकर पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
जानें क्या हैं मामले
वर्तमान समय में 31 जुलाई तक रिटर्न दाखिल किया जाता है. ऐसे में टैक्स पेयर्स चाहते हैं कि इस तिथि को आगे बढ़ाया जाए. दरअसल टैक्सपेयर्स को अपने फार्म 16 को 15 जून तक प्राप्त करना होता है. टैक्स पेयर के पास 45 दिनों का समय होता है जो नाकाफी है. इसकी वजह है कि जरूरी डॉक्यूमेंट को एकत्र करने में काफी वक्त लग जाता है. ऐसे में टैक्सपेयर तारीख में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. अब यह देखना होगा कि इसमें किसी तरह का बदलाव किया जाएगा या नहीं.
देरी होने पर लगेगा जुर्माना
अगर टैक्सपेयर 31 जुलाई की तारीख के बाद अपना आयकर रिर्टन दाखिल करता है, तो इस मामले में फाइन देना होता है. अगर आप 30 दिसंबर तक आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं तो आपको 1 हजार रुपये का फाइन देना होगा. वहीं अगर 30 दिसंबर के बाद रिटर्न दाखिल किया तो आपको 5 हजार रुपये तक फाइन देना होगा.
जानें क्या हैं मांगे
आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त तक करने को कहा गया है. इस तरह से करदाताओं को पर्याप्त समय मिल सकेगा. इसके अलावा, देरी से रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि से करदाताओं को विदेशी इनकम और टैक्स क्रेडिट की जानकारी सही से दर्ज करने का मौका मिलेगा. इससे फाइन और ब्याज से बचा जा सकता है.