Union Budget 2024: गुजरात के भरूच जिले से हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें जॉब के लिए उमड़ी युवाओं की भीड़ का हैरान कर देने वाला नजारा कैद था. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इसको लेकर मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया और कहा कि नौकरी के लिए धक्के खाता ‘भारत का भविष्य’ ही नरेंद्र मोदी के ‘अमृतकाल’ की हकीकत है. उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को भुनाया था. अब बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार बजट के जरिए राहुल गांधी पर पलटवार की तैयारी में है, ऐसे गजब के संकेत मिल रहे है, जिन्हें देखकर कहा जा सकता है कि आने वाले समय में बंपर नौकरियां निकलेंगी.
वायरल वीडियो वाला मामला भरूच जिले के अकंलेश्वर में एक प्राइवेट कंपनी का था, जहां 5 पदों की वैकेंसी के लिए करीब 1000 युवकों ने आवेदन किया. ये सिर्फ में एक जगह की बात नहीं है, देश में कई जगहों पर ऐसे ही हालात हैं. आज देश में ऐसे कई युवा हैं, जिनके पास बड़ी-बड़ी डिग्रियां होने के बाद भी नौकरी नहीं है और वे रोजगार पाने को दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं.
बेरोजगारी पर राहुल का एक्स पोस्ट
हालांकि, अब सरकार बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं को बड़ी सौगात देने की तैयारी कर रही है. इस बार के बजट में सरकार युवाओं के लिए रोजगार का पिटारा खोल सकती है, क्योंकि सरकार ने जॉब क्रिएशन को लेकर तगड़ी प्लानिंग में लगी हुई, जिसका पता इन संकेतों से चलता है.
संकेत नंबर 1: पीएम की अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक
रूस-ऑस्ट्रिया दौरे से वापसी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 जुलाई को देश के दिग्गज अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने विकास को आगे बढ़ाने से संबंधित मुद्दों पर उनकी राय सुनीं. इस मीटिंग के लिए पीएम मोदी के एजेंडे के केंद्र में एक ही मुद्दा था कि देश में रोजगार को बढ़ाना है. उन्होंने अर्थशास्त्रियों से रोजगार पर नए सिरे से जोर देने के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग औऱ रूरल बिजनेस को बढ़ावा देने जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की. नीति आयोग कार्यालय में हुई इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधान सचिव पी के मिश्रा भी मौजूद थे.
मीटिंग के दौरान पीएम मोदी ने जिन बातों में सबसे ज्यादा जोर दिया, उनमें 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का लक्ष्य और जॉब क्रिएशन को बढ़ाने की आवश्यकता प्रमुखता से शामिल थी. विचार-विमर्श में मुख्य रूप से उन उपायों पर केंद्रित था, जिनसे देश में जॉब क्रिएशन को बढ़ावा मिले. ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में इस मीटिंग का असर दिख सकता है और रोजगारों को लेकर बड़े ऐलान हो सकते हैं.
संकेत नंबर 2: प्री-बजट मीटिंग, युवाओं पर फोकस
हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ ने अपने प्री बजट रिपोर्ट में रोजगार को लेकर अहम सुझाव दिए, जो युवाओं के हितों से जुडे हैं जिनके अपनाए जाने से देश में रोजगार को बढ़ावा मिल सकता है. सीआईआई ने सरकार को सुझाव दिया है कि बजट में सर्विस सेक्टर प्रोत्साहन योजना को लागू किया जाए, जिसमें एनीमेशन, गेमिंग, खुदरा, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म, फिल्म/मनोरंजन जैसे सेक्टर शामिल है. PLI योजनाओं से मैन्युफैक्चरिंग सेग्मेंट को काफी लाभ मिला है. इसे दूसरे सेक्टरों में लागू किए जाने पर विचार करना चाहिए.
Source : News Nation Bureau