Budget 2024: संसद का बजट सत्र 23 जुलाई से शुरू होने वाला है. यह सत्र संसद का सबसे महत्वपूर्ण सत्र समझा जाता है, क्योंकि इसमें देश का आम बजट पेश किया जाता है. हर बार की तरह इस बार भी देश के लोगों को आम बजट से बहुत उम्मीद है. देश की जनता की मांग है कि उनको अलग-अलग टैक्स में छूट दी जाए और इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाई जाए, जो गिफ्ट के आदान-प्रदान पर भी लागू होती है. स्वतंत्रता के बाद 1958 में पहली बार पंडित जवाहलाल नेहरू ने गिफ्ट टैक्स की शुरुआत कर सबको चौंका दिया था. हालांकि 1998 में इसको खत्म भी कर दिया गया था.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1958 में बजट पेश होने वाला था. तभी ऐन पहले भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. वित्त मंत्री के न होने पर पंडित जवाहर लाल नेहरू को आम बजट पेश करना पड़ा. बजट पेश करते समय पंडित नेहरू ने संसद में कहा था कि अप्रत्याशित घटनाक्रम की वजह से अंतिम समय में मुझे यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है. हालांक पंडित नेहरू ने आम बजट में 1957 में लगाए गए सभी करों को कोई बड़ा बदलाव नहीं किया था. लेकिन एक टैक्स की घोषणा ने देशवासियों को हैरान कर दिया था.
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दरअसल, पंडित नेहरू ने 1958 में बजट पेश करते हुए टैक्स की चोरी पर रोक लगाने के लिए गिफ्ट टैक्स लगाने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नेहरू ने कहा था कि रिश्तेदारों या मित्रों को गिफ्ट के तौर पर प्रोपर्टी ट्रांसफर करना केवल एस्टेट ड्यूटी बचाने का नहीं, बल्कि आयकर, वेल्थ टैक्स और एक्सपेंडिचर टैक्स बचाने का भी तरीका बन चुका है. इसलिए इस चोरी पर प्रतिबंध लगाने के लिए गिफ्ट टैक्स सबसे प्रभावशाली तरीका है.
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HIGHLIGHTS
- जवाहरलाल नेहरू 1958 में केंद्रीय बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री बने थे
- तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी कृष्णमाचारी ने विवाद के बीच इस्तीफा दे दिया था
Source : News Nation Bureau