Budget 2024 पेश होने से पहले जानें ये 10 बड़े फैक्ट, कब साढ़े सात साल के लिए बजट किया था पेश

कई विश्लेषकों का मानना है कि इस बजट में कुछ लोकलुभावन घोषणाएं हो सकती हैं. हालांकि इससे बड़ी उम्मीद नहीं लगाई जा रही है.

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Mohit Saxena
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण( Photo Credit : social media)

Budget 2024: बस कुछ ही देर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 यानि गुरुवार को बजट पेश करने वाली हैं. यह केंद्र सरकार का अंतरिम बजट होने वाला है. कई विश्लेषकों का मानना है कि इस बजट में कुछ लोकलुभावन घोषणाएं हो सकती हैं. हालांकि इससे बड़ी उम्मीद नहीं लगाई जा रही है. मगर इसके बावजूद आम जनता के बीच बजट को लेकर काफी उत्सुकता है. आइए बजट के पेश होने से पहले जानें दस ऐसे दिलचस्प फैक्ट जो हमें जानने चाहिए. 

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कब आया था देश का पहला अंतरिम बजट

भारत का पहला अंतरिम बजट 1947 में आरके शनमुखम चेट्टी ने प्रस्तुत किया था. खाद्यान्न की कमी, बढ़े हुए आयात और आसमान छूती मुद्रास्फीति समेत देश की आर्थिक कठिनाई को दूर करने के लिए भारत की आजादी के तुरंत बाद साढ़े सात साल के लिए बजट को  पेश किया गया था.

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अंतरिम बजट भाषण अब तक

भारत की आजादी के बाद से अब 14 अंतरिम बजट पेश किये जा चुके हैं. आखिरी भाषण पूर्व वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने फरवरी 2019 में लाए थे. अंतरिम बजट की प्रस्तुति के लिए गोयल का भाषण 8,119 शब्दों का था. 1947 में आरके शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश भाषण के बाद यह दूसरा सबसे लंबा अंतरिम बजट भाषण था.

अं​तरिम बजट बड़ी घोषणाओं से थे दूर   

अंतरिम बजट हमेशा से नियमित घोषणाओं तक ही सीमित रहे. 2004-5 के बाद से अंतरिम बजट में कर कटौती, योजनाओं के विस्तार और सब्सिडी से जुड़े ऐलान शामिल थे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व वित्त मंत्री जसवंत सिंह ने 2004-05 में पेश अंतरिम बजट में केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन के साथ 50% महंगाई भत्ते का विलय, कस्टम ड्यूटी में कटौती और अंत्योदय अन्न योजना का विस्तार पेश किया.

ब्रिटिश काल में पेश हुआ पहला बजट

भारत का पहला अंतरिम बजट 1860 में स्कॉटिश अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन द्वारा प्रस्तुत किया गया था. वे ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ काम करते थे. हालांकि, आज जो बजट पेश किया गया रहा है, उसमें पीसी महालनोबिस जैसे प्रख्यात अर्थशास्त्रियों के योगदान से महत्वपूर्ण बदलाव आया है.

सबसे लंबा भाषण

भारत के इतिहास में अवधि के हिसाब से सबसे लंबा बजट भाषण पेश करने का खिताब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम है. 2020 में उनका बजट भाषण दो घंटे 42 मिनट लंबा था. उस वर्ष 1 फरवरी 2020 को उनका भाषण सुबह 11 बजे शुरू हुआ और  दोपहर 1:40 बजे तक चला.

अस्वस्थ महसूस करने के कारण निर्मला सीतारमण लंबे बजट भाषण की स्क्रिप्ट भी पूरी नहीं कर पाईं. बाद में भाषण ओम बिरला ने पूरा किया. हालांकि, शब्दों की संख्या के मामले में उनका भाषण अभी भी 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए भाषण से कम था. वित्त मंत्री के तौर पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का भाषण 18,650 शब्दों का था.

ब्रीफकेस से लेकर बही खाते तक, टैबलेट तक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्रीफकेस से टैबलेट तक केंद्रीय बजट की परिवर्तनकारी  यात्रा का भी नेतृत्व किया. 2019 में उन्होंने पुराने 'बजट ब्रीफकेस' को 'बही खाता' से बदलकर बजट को देसी अवतार दिया. अपने पहले बजट के दौरान, एफएम ने 2019 में ब्रीफकेस के बजाय लाल रंग का 'बही खाता' रखा था. बाद में, कोविड महामारी ने कागज रहित बजट चुनने का अवसर प्रदान किया. 2021-22 का केंद्रीय बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल टैबलेट पर पेश किया.

हलवा समारोह और लॉक-इन अवधि

केंद्रीय बजट पेश होने से एक सप्ताह से अधिक समय पूर्व वित्त मंत्रालय 'हलवा समारोह' आयोजित करता है. यह समारोह केंद्रीय बजट की छपाई की प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. यह समारोह मध्य दिल्ली के वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में होता है. इस सामरोह के बाद गोपनीयता को बनाए रखने के लिए मंत्रालय के सभी कर्मचारी अगले 9-10 दिनों के लिए अलगाव में काम करते हैं. 

सबसे अधिक मोरारजी देसाई बजट पेश किया 

सबसे अधिक बजट भारत के पूर्व पीएम मोरारजी देसाई ने पेश किया है. उन्होंने दस बार बजट को पेश किया. हालांकि, आगामी अंतरिम बजट पेश होने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार सबसे ज्यादा केंद्रीय बजट पेश करने वाली मंत्री बन जाएंगी.

जब केंद्रीय बजट लीक हो गया

केंद्रीय बजट की छपाई के दौरान कड़ी सुरक्षा रखी जाती है. इसके बावजूद यह 1950 में लीक हो गया था. तब तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई संसद में केंद्रीय बजट पेश करने वाले थे. लीक के बाद बजट की छपाई को राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड पर स्थानांतरित  कर दिया गया. 1980 के बाद, बजट मुद्रण प्रक्रिया नॉर्थ ब्लॉक बेसमेंट में शिफ्ट हो गई. 

पहली बार केंद्रीय बजट हिंदी में छपा

1955 तक, केंद्रीय बजट विशेष रूप से अंग्रेजी में मुद्रित हुआ था. 1955-56 के बाद, वार्षिक वित्तीय दस्तावेज अंग्रेजी के साथ हिंदी दोनों में पेश किया गया. 

Source : News Nation Bureau

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