Budget 2023: आम बजट से 'रक्षा' को उम्मीद, पांच साल में दोगुनी हुई

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को पांचवीं बार आम बजट पेश करेंगी. वही सरकार से उम्मीद है कि रक्षा को बढ़ावा देने के लिए आम बजट से कुछ अच्छा मिले जिससे सरकार के मेक इन इंडिया स्कीम को बढ़ावा मिले और देश आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ स

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को पांचवीं बार आम बजट पेश करेंगी. वही सरकार से उम्मीद है कि रक्षा को बढ़ावा देने के लिए आम बजट से कुछ अच्छा मिले जिससे सरकार के मेक इन इंडिया स्कीम को बढ़ावा मिले और देश आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ स

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Vikash Gupta
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Defence Budget

Defence Budget ( Photo Credit : Social Media)

Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज 1 फरवरी को पांचवीं बार आम बजट पेश करेंगी. वही सरकार से उम्मीद है कि रक्षा को बढ़ावा देने के लिए आम बजट से कुछ अच्छा मिले जिससे सरकार के मेक इन इंडिया स्कीम को बढ़ावा मिले और देश आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ सके. वही केन्द्र की मोदी सरकार पिछले पांच साल में रक्षा बजट को दोगुना किया है. साल 2017 से 2022 के रक्षा बजट को देखा जाए तो. एक ओर जहां 2017 में यह 2.74 लाख करोड़ था जो 2022 में बढ़कर 5.25 लाख करोड़ हो गया.

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रक्षा मंत्रालय को उम्मीद है कि इस साल के आम बजट में रक्षा क्षेत्र के कम से कम 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है. वही पिछले साल के बजट में वित्त मंत्री ने कुल 5.25 लाख करोड़ रूपये का आवंटन किया था. जिसमें सेना के पूर्व सैनिको के पेंशन के लिए 1.19 लाख करोड़ रूपये मिला था. रक्षा मंत्रालय इन पैसों से लड़ाकू विमान, नये रायफल, ड्रोन, एअर डिफेंस सिस्टम, एअर क्राफ्ट केरियर सहित अन्य रक्षा सौदा कर सके. वही मोदी सरकार ने डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने के लिए मेक इन इंडिया स्कीम लेकर आई और इसके साथ ही आत्मनिर्भर भारत को बनाने के लिए टैक्स में छू की उम्मीद होगी जिससे नई कंपनियां देश में निवेश कर सके. सरकार अब रक्षा समान के उत्पाद के लिए टेक्नॉलजी ट्रांसफर और ऑफ सोर पार्टनर बनकर देश में उत्पादन हो इसके लिए टैक्स में छूट मिले. पिछले साल के बजट के अनुसार वित्त मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में प्राइवेट के जरिए 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत कर दिया था वही सरकारी उपक्रमों के जरिए इसे 100 प्रतिशत कर दिया गया था. 

सरकार ने संसद को दिये जवाब के अनुसार पिछले साल सरकार ने रक्षा उत्पादन के लिए 358 प्राइवेट कंपनियों को 584 रक्षा लाइसेंस जारी किये जिसमें 107 हथियार के निर्माण के लाइसेंस जारी हुए. सरकार से उम्मीद होगी की इन लाइसेंस को जारी करने के लिए कानून में बदलाव किया जाए और अधिक से अधिक लाइसेंस जारी किये जाए. वही Production Linked Incentive(पीएलआई) योजना को बढावा दिया जाए जिससे उत्पादन को बढावा मिले. 

सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत कुल रक्षा बजट का केवल 16 प्रतिशत ही घरेलु उत्पादन से लाता है वही 2016 से 2020 के बीच भारत विश्व में दुसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है. भारत ने देश में दो डिफेंस कॉरिडोर निर्मित किये है. पहला उत्तर प्रदेश में दुसरा तामिलनाडु राज्य में वही चीन विश्व में 4 सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है.   

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