Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को लेकर विशेषज्ञों ने कही ये बड़ी बात
Budget 2022: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को व्यापक रूप से अपनाने में जोखिम यह है कि क्रिप्टो एक्सचेंज बाजार में धोखाधड़ी प्रथाएं हैं. इस समय क्रिप्टो एक्सचेंजों या एटीएम पर अधिक सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता नहीं है.
highlights
- बजट सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद में पेश किए जाने की उम्मीद
- विशेषज्ञों ने क्रिप्टोकरेंसी के ऊपर तर्कसंगत कर लगाने का आह्वान किया
नई दिल्ली:
Budget 2022: वित मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) के एक फरवरी 2022 को बजट पेश करने की उम्मीद है और विशेषज्ञों ने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने और इसे एक पूंजी संपत्त्ति के रूप में स्वीकारते हुए इस पर तर्कसंगत कर लगाने का भी आह्वान किया है. देश में पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल मुद्राओं और अल्अकोइंस की खरीद, बिक्री और क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों (Cryptocurrency Exchange) को कानूनी रूप से स्थापित करने के साथ इस क्षेत्र में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार इस क्षेत्र को नियंत्रित करने के लिए अभी तक कोई भी कानून नहीं लाई है. पहले यह उम्मीद की जा रही थी कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (The Cryptocurrency And Regulation Of Official Digital Currency Bill 2021) नामक एक विधेयक पेश करेगी लेकिन ऐसा नहीं किया. अब इसे 1 जनवरी से शुरू हुए और 8 अप्रैल को समाप्त होने वाले बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है.
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फाईव आयर के सीईओ और संस्थापक प्रतीक गौरी ने कहा कि लोगों को सनसनीखेज निवेश से बचाने की जिम्मेदारी सरकार की है लेकिन जोखिम उठाना हर निवेशक का अधिकार है और इस संतुलित प्रयास में निवेश और पार्टियों एक साथ रहती हैं. उन्होंने कहा इसे होने दो, की प्रवृत्ति ने देश में कभी काम नहीं किया है जहां हर रुपया मेहनत से कमाया जाता है और हम कड़ी मेहनत करने वालों का देश हैं. यहां तक प्रशासन के मामले में, केन्द्र सरकार जवाबदेही को लेकर गंभीर दिख रही है. इसलिए, निवेश का कराधान और विनियमन इसके दायरे में आता है और मुझे लगता है, अब तक सरकार ने नवाचार के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता और प्रतिबंध को संतुलित करने का एक उल्लेखनीय काम किया है.
1.5 करोड़ निवेशकों के साथ लगभग 45,000 करोड़ रुपये क्रिप्टो संपत्ति का अनुमान
उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले सभी प्रकार के नफे पर दुनिया भर में भारी कर लगाया जाता है और क्रिप्टो बाजारों में लाभ पर कर देने की बात कहना पहेली का हिस्सा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 जनवरी को विश्व आर्थिक मंच के एक शिखर सम्मेलन को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए, क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए एक समन्वित वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया था. भारतीय रिजर्व बैंक ने सार्वजनिक रूप से निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन किया है. भारत में क्रिप्टो संपत्ति वर्तमान में लगभग 1.5 करोड़ निवेशकों के साथ लगभग 45,000 करोड़ रुपये अनुमानित है.
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क्रिप्टो को व्यापक रूप से अपनाने में जोखिम यह है कि क्रिप्टो एक्सचेंज बाजार में धोखाधड़ी प्रथाएं हैं. इस समय क्रिप्टो एक्सचेंजों या एटीएम पर अधिक सतर्कता बरते जाने की आवश्यकता नहीं है. इंडिया ब्लॉकचैन एलायंस के संस्थापक और चेनसेंस लिमिटेड के मुख्य विकास अधिकारी राज कपूर ने कहा कि एफएटीएफ ढांचे के साथ एक बेहतर अनुपालन क्रिप्टो को भी स्पष्ट समर्थन प्रदान करेगा. यह जोखिम मूल्यांकन और प्रक्रियाओं की जानकारी देने के लिए इसका उपयोग करने के लिए तैयार करेगा. ग्राहक की पहचान का पता लगाने के लिए कस्टमर ड्यू डिलिजेंस (सीडीडी) स्कैनर, विशेष रूप से उच्च जोखिम वाले ग्राहकों को स्कैन करने के लिए अमल में लाया जाएगा.
18 प्रतिशत जीएसटी लगाना चाहिए
मजमुदार एंड पार्टनर्स के सहयोगी, टैक्स और प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप रवि एस राघवन का कहना है कि क्रिप्टो को पूंजीगत संपत्ति और उचित कर व्यवस्था के रूप में माना जाना चाहिए. इसमें क्रप्टो को खरीदने और बेचने में सक्षम बनाने के लिए एक्सचेंजों द्वारा एकत्र शुल्क पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाना और निवेशक के मुनाफे पर या तो कर लगाया जाएगा और अन्य उपाय शामिल हैं. उन्होंने कहा, किसी भी कर मुकदमे से बचने के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न के रूप में आयकर रिटर्न में रिपोटिर्ंग प्रक्रिया और कर पर रोक लागू जैसी बातों को बताना शामिल करना होगा.
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उन्होंने कहा कि क्रिप्टो कारोबार को सरकार द्वारा सट्टा लेनदेन के रूप में माना जाना चाहिए और क्रिप्टो बिक्री से होने वाले किसी भी नुकसान को आगे ले जाने और संबंधित करदाता के अन्य व्यावसायिक लाभ या वेतन आय के खिलाफ तय करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. आयकर अधिनियम के तहत क्रिप्टोकरेंसी को लाकर विनियमित करने से यह निवेश विकल्पों का हिस्सा बन जाएगा. अधिकांश निवेशकों को कराधान से कोई समस्या नहीं है और वे करों की स्पष्टता और निरंतरता चाहते हैं. यूनोमेटा पीटीई लिमिटेड के क्रिएटिव हेड और निदेशक कुणाल वर्मा ने कहा, जो कुछ भी प्रतिबंधित है वह कभी नहीं जाता है, यह सिर्फ छिपा लिया जाताहै और सरकार कर राजस्व से चूक जाती है. इसे विनियमित करने से यह सुनिश्चित होगा कि सभी खामियों को दूर किया जाए और लोगों को करों से बचने की आवश्यकता महसूस न हो.
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