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Budget 2021: सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स रिटर्न भरने से मिली बड़ी राहत

Budget 2021: निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश करेंगी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.

Updated on: 01 Feb 2021, 08:57 AM

नई दिल्ली:

Budget 2021: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट 1 फरवरी 2021 यानि आज पेश करने जा रही है.  वित्‍त मंत्री ने 2020 के बजट में व्‍यक्तिगत करदाताओं को पर्याप्‍त राहत देने और आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए एक नई और सरलीकृत व्‍यक्तिगत आयकर व्‍यवस्‍था बनाने का प्रस्‍ताव किया था. जानकारों का कहना है कि बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये बढ़कर 3 लाख रुपये किया जा सकता है. हालांकि 5 लाख रु तक के आय पर टैक्स नहीं लगता पर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये है जो टैक्स बनता है उसमें सरकार छूट देती है. 5 लाख से 10 लाख के इनकम पर पुराने टैक्स कानून के तहत 20 फीसदी टैक्स लगता है उसे वित्त मंत्री घटाकर 10 से 15 फीसदी कर सकती है. स्टैण्डर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रु से 1 लाख रुपये किया जा सकता है. केंद्रीय वित्त मंत्री Finance Minister Nirmala Sitharaman भी तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश करेंगी. गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.

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आज के बजट में वित्त मंत्री की ओर से आयकर मोर्चे पर आम आदमी को किसी भी तरह की कोई राहत नहीं मिली है. वित्त मंत्री इनकम टैक्स की दरों में कोई भी बदलाव नहीं किया है. 

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75 साल से ऊपर के व्यक्तियों को अब आयकर नहीं भरना होगा.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में राहत देते हुए सीनियन सिटीजन को आयकर में बड़ी राहत दी है. 

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वित्‍त मंत्री ने 2020 के बजट में कहा था कि उन्‍होंने विगत अनेक दशकों में आयकर कानून में समाविष्‍ट की गई सभी छूटों और कटौतियों की समीक्षा की. वर्तमान में आयकर अधिनियम में विभिन्‍न प्रकृति की एक सौ से अधिक और कटौतियां प्रदान की गई हैं. उन्‍होंने कहा था कि मैंने नई सरलीकृत व्‍यवस्‍था में इनमें से लगभग 70 को हटा दिया गया है.

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2020 के बजट में नई व्‍यवस्‍था में उसका कर बोझ 78,000 रुपये कम होगा. वह नई व्‍यवस्‍था में तब भी लाभ में रहेगा भले ही वह पुरानी व्‍यवस्‍था के तहत आयकर अधिनियम के अध्‍याय VI-क की विभिन्‍न धाराओं के तहत 1.5 लाख रुपये की कटौती ले रहा हो.

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पिछले बजट में नई कर व्‍यवस्‍था में किसी करदाता द्वारा दावा की गई छूटों और कटौतियों के आधार पर उसे पर्याप्‍त कर लाभ मिलने की बात कही गई थी. उदाहरण के लिए, कोई व्‍यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपये अर्जित करता है और किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा, तो उसे पुरानी व्‍यवस्‍था में 2,73,000 रुपये देने होते जबकि अब उसे मात्र 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा. 

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वित्‍त मंत्री ने 2020 के बजट में व्‍यक्तिगत करदाताओं को पर्याप्‍त राहत देने और आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए एक नई और सरलीकृत व्‍यक्तिगत आयकर व्‍यवस्‍था बनाने का प्रस्‍ताव किया था, जहां उन व्‍यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरों को पर्याप्‍त रूप से कम किया जाएगा, जो कतिपय कटौतियों और छूटों का त्‍याग करता है. अधिभार एवं उपकर मौजूदा दरों पर जारी रहेंगे.

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5 लाख से 10 लाख के इनकम पर पुराने टैक्स कानून के तहत 20 फीसदी टैक्स लगता है उसे वित्त मंत्री घटाकर 10 से 15 फीसदी कर सकती है. स्टैण्डर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75000 रु से 1 लाख रुपये किया जा सकता है. 

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जानकारों का कहना है कि बजट में इनकम टैक्स छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये बढ़कर 3 लाख रुपये किया जा सकता है. हालांकि 5 लाख रु तक के आय पर टैक्स नहीं लगता पर छूट की सीमा 2.50 लाख रुपये है जो टैक्स बनता है उसमें सरकार छूट देती है.