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Budget 2021: बैंक खाताधारकों को बड़ी राहत, मिलेगी पहले से ज्यादा सुरक्षा

आप अगर बैंक में अपने खाते में 5 लाख से ज्यादा तक रूपये जम करके रखे हैं और अचानक से बैंक नुकसान या किसी अन्य वजह से डूब जाए तो फिर आप को बैंक अब 5 लाख रूपये देगा.

Updated on: 01 Feb 2021, 01:52 PM

नई दिल्ली :

Budget 2021: बजट की घोषणा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार बैंक खाताधारकों को बड़ी राहत दी है. वित्तमंत्री ने बैंक खाता धारकों को अब इस बजट में पहले ज्यादा सुरक्षा देने का ऐलान किया है. आपको बता दें कि अगर आप किसी बैंक के खातेदार हैं और बैंक अचानक से बंद हो जाए तो फिर आपके जमा किए हुए धन पर बैंक अब पांच लाख तक का बीमा दे रहा है यानि कि आप अगर बैंक में अपने खाते में 5 लाख से ज्यादा तक रूपये जम करके रखे हैं और अचानक से बैंक नुकसान या किसी अन्य वजह से डूब जाए तो फिर आप को बैंक अब 5 लाख रूपये देगा. पहले यह राशि महज एक लाख ही थी, जबकि उसके पहले ये सुविधा सभी बैंकों में नहीं थी. 

निर्मला सीतारमण ने बीमा सेक्टर (Insurance Sector) के लिए बड़ा ऐलान किया है. बीमा क्षेत्र में FDI को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दिया गया है. बता दें कि बीमा इंडस्ट्री और बीमा नियामक IRDAI विदेशी निवेश बढ़ाने के पक्ष में थी. इसके साथ वित्तमंत्री ने बैंकों के दोबारा पूंजीकरण के लिए 20 हज़ार करोड़ का बजट आवंटित किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार बैंकों को 20 हज़ार करोड़ रुपये की पूंजी उपलब्ध कराएगी.

आपको बता दें कि इसके तहत लगभग एक फीसदी कंपनियों को बिना किसी रोक-टोक के शुरुआत में काम करने की मंजूरी दी जाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि विनिवेश के लिए सरकार लगातार काम कर रही है, कई कंपनियों की प्रक्रिया इस साल पूरी हो जाएगी. वहीं भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने इस बात का भी ऐलान किया कि इसी वर्ष LIC के आईपीओ को बाजार में लाया जाएगा.

इसके पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को पेश किए गए बजट में भी बात की. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विपक्षी दलों की नारेबाजी के बीच वित्त मंत्री ने कहा, कृषि खरीद में लगातार बढ़ोतरी हुई है, इस खरीद से देश के किसानों को मुनाफा हो रहा है. वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि मंडियों को बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए कृषि अवसंचरना कोष उपलब्ध कराया जाएगा. वित्तमंत्री ने आगे कहा कि 2021-22 में कृषि ऋण के लक्ष्य को बढ़ाकर 16.5 लाख करोड़ रुपये किया गया.