logo-image

Budget 2020: शिक्षा के लिये 99 हजार करोड़ रुपये,नए भारत के सपने को साकार करने वाला बजट: निशंक

निशंक ने कहा, यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

Updated on: 01 Feb 2020, 08:52 PM

नई दिल्ली:

मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने केंद्रीय बजट 2020 की सराहना करते हुए कहा कि बजट में शिक्षा क्षेत्र को प्रमुखता देते हुए 99,300 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. निशंक ने अपने बयान में कहा, मुझे इस बात का हर्ष है कि देश में कुशल श्रमशक्ति के विकास हेतु मार्च 2021 तक देशभर में कुल 150 उच्च शैक्षणिक संस्थानों में अपरेंटिसशिप प्रोग्राम शुरू किया जाएगा. उन्होंने बजट में शिक्षा के क्षेत्र को प्रमुखता देते हुए 99,300 करोड़ रुपये का प्रावधान करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया. निशंक ने कहा, यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में एक वृहद् विमर्श के पश्चात नव भारत निर्माण के लिए हम शीघ्र ही भारत केन्द्रित, संस्कारयुक्त, गुणवत्तापरक, नवचार युक्त शिक्षा, रोजगारपरक नई शिक्षा नीति ला रहे हैं. उन्होंने कहा कि बजट 2020-21 के माध्यम से प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में पहुंच, इक्विटी और समावेशन को बेहतर करने हेतु नई पहलों का प्रावधान रखा गया है . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2020-2021 के लिए बजट पेश करते हुए कहा कि जल्द ही नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी और सरकार अगले वित्त वर्ष में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखती है.

यह भी पढ़ें-Budget 2020: नए टैक्स स्लैब का फायदा उठाने के लिए आपको छोड़नी पड़ेंगी ये रियायतें!

वित्त मंत्री ने घोषणा की कि शिक्षकों, नर्सों, पराचिकित्सा कर्मी और सेवा प्रदाताओं के कौशल में सुधार और अनुरूपता लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, पेशेवर निकायों के साथ मिलकर विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत उच्च शिक्षा के लिए पसंदीदा स्थल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत में अध्ययन कार्यक्रम के तहत एशियाई और अफ्रीकी देशों में एक आईएनडी-एसएटी परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया है ताकि भारतीय उच्च शैक्षणिक केंद्रों में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति पाने वाले विदेशी उम्मीदवारों के लिए मानक तय किया जा सके.

यह भी पढ़ें-Budget 2020: कांग्रेस ने इस बजट को मुंबई और महाराष्ट्र के लिए सर्वाधिक निराशाजनक बताया, जानिए क्यों

सीतारमण ने कहा, राज्यों के शिक्षा मंत्रियों, सांसदों और अन्य हितधारकों के साथ शिक्षा नीति पर वार्ता हुई है. दो लाख से अधिक सुझाव मिले हैं. जल्द ही नई शिक्षा नीति की घोषणा की जाएगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में बाह्य वाणिज्यिक उधारी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि विज्ञान या तकनीक संबंधी विषयों की पढ़ाई करने वालों की तुलना में सामान्य विषयों के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर सुधारे जाने की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें-CAA Protest at Shaheen Bagh: दोबारा गोली चलने के बाद केजरीवाल ने अमित शाह पर बोला हमला

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के उद्देश्य से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है. सीतारमण ने घोषणा की कि उन छात्रों के लिए डिग्री स्तर का एक ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम आरंभ करने का प्रस्ताव रखा जाता है जो समाज के वंचित तबके से संबंध रखते हैं और जिनकी उच्च शिक्षा तक पहुंच नहीं है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्थाओं की रैंकिंग में शीर्ष 100 संस्थान ही ये कार्यक्रम उपलब्ध कराएंगे और शुरुआत में कुछ ही संस्थानों को ऐसे कार्यक्रम उपलब्ध कराने को कहा जाएगा. सीतारमण ने कहा कि इसके अलावा पुलिस विज्ञान, फोरेंसिक विज्ञान और साइबर फोरेंसिक के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और एक राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय का प्रस्ताव रखा गया है.