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Budget 2020 : महिलाओं के लिए वित्‍त मंत्री ने किए 10 बड़े ऐलान, यहां जानिए

संसद में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 में महिलाओं से जुड़ी योजना के लिए 28600 करोड़ रुपये आवंटित किए. इसके अलावा वित्‍त मंत्री ने पोषाहार योजना के लिए 35300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

Updated on: 01 Feb 2020, 12:50 PM

नई दिल्‍ली:

संसद में बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2020-21 में महिलाओं से जुड़ी योजना के लिए 28600 करोड़ रुपये आवंटित किए. इसके अलावा वित्‍त मंत्री ने पोषाहार योजना के लिए 35300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इस दौरान वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, पोषण मां के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, ये बच्चों के लिए भी अहम है. आंगनबाड़ी सेविकाएं स्मार्टफोन के जरिए पोषण की स्थिति बताती हैं. पोषण अभियान के जरिए छह लाख से ज्यादा सेविकाएं इस काम में लगी हैं. उन्होंने आगे ये भी कहा कि पोषण मां के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, ये बच्चों के लिए भी अहम है. आंगनबाड़ी सेविकाएं स्मार्टफोन के जरिए पोषण की स्थिति बताती हैं. पोषण अभियान के जरिए छह लाख से ज्यादा सेविकाएं इस काम में लगी हैं. महिलाओं से जुड़ी योजना का ऐलान करते समय वित्त मंत्री ने कहा, 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सफलता उल्लेखनीय है, लड़कियों के स्कूल जाने का आंकड़ा लड़कों से ज्यादा है. 98 फीसदी लड़कियां नर्सरी लेवल पर स्कूल जा रही हैं. प्लस टू लेवल पर भी इसी तरह के आंकड़े हैं, लड़कियां लड़कों से किसी मामले में पीछे नहीं. आइए जानते हैं महिला वित्‍त मंत्री ने महिलाओं के लिए क्‍या बड़े ऐलान किए.

महिलाओं से जुड़े ऐलान

  1. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की सफलता उल्लेखनीय है.
  2. लड़कियों के स्कूल जाने का आंकड़ा लड़कों से ज्यादा है.
  3. 98 फीसदी लड़कियां नर्सरी लेवल पर स्कूल जा रही हैं.
  4. प्लस टू लेवल पर भी इसी तरह के आंकड़े हैं.
  5. लड़कियां लड़कों से किसी मामले में पीछे नहीं.
  6. 6 लाख से अधिक आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए गए हैं.
  7. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान सफल रहा.
  8. पोषण मां के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. ये बच्चों के लिए भी अहम है. आंगनबाड़ी सेविकाएं स्मार्टफोन के जरिए पोषण की स्थिति बताती हैं. पोषण अभियान के जरिए छह लाख से ज्यादा सेविकाएं इस काम में लगी हैं.
  9. महिलाओं की शादी की उम्र 1978 में 15 साल से बढ़ाकर 18 कर दी गई. शारदा ऐक्ट लाया गया. मकसद पोषण को बढावा देना भी था.
  10. एक टास्क फोर्स बनेगा जो छह महीनों में इस पर दोबारा विचार करेगा.