बजट 2019 पर सबकी निगाहें, आइए जानते हैं राजस्थान के लोगों की क्या हैं मांगें

राजस्थान के लोगों को भी इस बजट से काफी उम्मीद है. व्यापारी से लेकर युवा वर्ग की अपनी-अपनी उम्मीदें इस बजट से जुड़े हुए हैं.

राजस्थान के लोगों को भी इस बजट से काफी उम्मीद है. व्यापारी से लेकर युवा वर्ग की अपनी-अपनी उम्मीदें इस बजट से जुड़े हुए हैं.

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nitu pandey
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बजट 2019 पर सबकी निगाहें, आइए जानते हैं राजस्थान के लोगों की क्या हैं मांगें

प्रतिकात्मक

लोकसभा चुनाव से पहले एक फरवरी को मोदी सरकार अंतरिम बजट पेश करेगी. इस बजट में इनकम टैक्स पेयर्स, पेंशनरों और किसानों को लेकर कुछ बड़ी घोषणाएं की जा सकती हैं. होम लोन को लेकर भी सरकार कुछ रियायत दे सकती है. अरुण जेटली के अस्वस्थ होने के चलते इस बार मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश करेंगे. पीयूष गोयल को वित्त विभाग की अस्थाई तौर पर जिम्मेदारी दी गई है.

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मोदी सरकार का आखिरी बजट होने के कारण इस बार सभी सेक्टरों को सरकार से काफी उम्मीदें है. वहीं लगातार बढ़ते वित्तीय दबाव के बीच रेलवे ने भी इस बार वित्त मंत्रालय से अगले वित्तीय वर्ष के लिए 68 हजार करोड़ रुपए की बजटीय सहायता मांगी है. राजस्थान के लोगों को भी इस बजट से काफी उम्मीद है. व्यापारी से लेकर युवा वर्ग की अपनी-अपनी उम्मीदें इस बजट से जुड़े हुए हैं.

 जीएसटी में 14 फीसदी का एक स्लैब बनाने की मांग

कारोबारियों का कहना हैं कि पिछले बैठकों में जीएसटी में सरकार ने काफी राहत दी है, लेकिन इसमें अतिरिक्त सुधार की संभावना है. सरकार को जीएसटी में 14 फीसदी का एक स्लैब बना देना चाहिए. इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और व्यापारियों को भी सहूलियत होगी. इस स्लैब में काफी अधिक उत्पाद आ जाएंगे.

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ऑटोमोबाइल उत्पादों में टैक्स में छूट की मांग

वहीं लोगों को उम्मीद है कि बजट में सरकार ऑटोमोबाइल उत्पादों पर कुछ कर (टैक्स) में छूट देने की घोषणा कर सकती है. ऑटोमोबाइल उत्पादों पर अब भी 28 फीसदी की दर से टैक्स लिया जा रहा है, जबकि ऑटोमोबाइल उत्पाद देश के उद्योगों व कारोबार का अहम हिस्सा हैं. इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिलता है. राजस्थान में कई ऑटोकंपानेंट इकाइयां हैँ जिनका उत्पाद पड़ोसी राज्यों समेत मल्टीनेशनल कंपनियों को सप्लाई होता हैं. लेकिन जीएसटी के बाद इनके कारोबार पर असर पड़ा है. खासकर विदेशी मॉर्केंट शेयर पर.

सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग

राजस्थान ज्वेलरी का बड़ा केंद्र है. ज्वेलर्स और बुलियन इंडस्ट्रीज को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. कड़े नियमों से ये सेक्टर गिरती बिक्री से जूझ रहा है. ऐसे में पिछले साढ़े चार साल के दौरान एक्साइज ड्यूटी और उसके बाद नोटबंदी और जीएसटी के झटकों को झेल चुके ज्वेलर्स को इस बजट से काफी उम्मीदें है. ज्वेलर्स और बुलियन इंडस्ट्रीज इस बजट में सरकार से सोने पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाने की मांग कर रहे है. ज्वेलर्स और बुलियन इंडस्ट्रीज का मानना है कि सरकार को इस बजट में गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को बढ़ावा देना चाहिए.

राजस्थान में केंद्र से जुड़ी कई अहम योजनाओं पर काम हो रहा हैं. प्रदेशवासी चाहते हैं कि रोजगार संभावनाओं के क्षेत्र और शिक्षा पर अधिक फोकस हो. जिन क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं का अब तक अभाव हैं उनके लिए त्वरित गति से काम हो.

Source : News Nation Bureau

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