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जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिये लायी जाएगी बड़ी योजना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान

सीतारमण ने लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि भूमि पट्टा आदर्श अधिनियम-2016, कृषि उपज और पशुधन मंडी आदर्श अधिनियम -2017, कृषि उपज एवं पशुधन अनुबंध खेती, सेवाएं संवर्धन एवं सुगमीकरण आदर्श अधिनियम-2018 लागू करने वाले राज्यों को प्रोत्सा

Updated on: 01 Feb 2020, 12:39 PM

दिल्ली:

जल संकट (Water Crisi से जूझ रहे देश के 100 जिलों के लिये सरकार विस्तृत योजना लाने वाली है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट (Union Budget 2020) पेश करते हुए इसकी घोषणा की. सीतारमण ने लोकसभा में अपना दूसरा बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि भूमि पट्टा आदर्श अधिनियम-2016, कृषि उपज और पशुधन मंडी आदर्श अधिनियम -2017, कृषि उपज एवं पशुधन अनुबंध खेती, सेवाएं संवर्धन एवं सुगमीकरण आदर्श अधिनियम-2018 लागू करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा.

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वित्तमंत्री ने कहा कि जिन किसानों के पास बंजर जमीनें हैं, उन्हें सौर बिजली इकाइयां लगाने और अधिशेष बिजली सौर ग्रिड को बेचने में मदद की जाएगी. उन्होंने कहा कि कृषि बाजार को उदार तथा प्रतिस्पर्धी बनाने, कृषि आधारित गतिविधियों को सहायता उपलब्ध कराने और सतत फसल प्रतिरुप और प्रौद्योगिकी की जरूरत है. उन्होंने बजट में किसानों की बेहतरी के लिये 16 बिंदुओं की कार्ययोजना तथा राज्यों को प्रोत्साहन देने के उपायों की घोषणा की.

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उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 का बजट खासकर तीन बातों ‘आकांक्षी भारत , आर्थिक विकास और कल्याणकारी समाज’ पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि भारत ने 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है. वित्तमंत्री के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, निर्मला सीतारमण के सहयोगी मंत्री तथा सत्ता पक्ष के सांसद बार-बार मेजें थपथपाकर बजट घोषणाओं की सराहना करते देखे गये.