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किसान आय सहयोग 12000 रुपये सालाना होना चाहिए: देविंदर शर्मा

कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का मानना है कि सरकार ने किसानों की सिर्फ सुध भर ली है और एक अच्छी शुरुआत की है, मगर बजट में की गई घोषणा से किसानों को बहुत फायदा नहीं हुआ है.

कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का मानना है कि सरकार ने किसानों की सिर्फ सुध भर ली है और एक अच्छी शुरुआत की है, मगर बजट में की गई घोषणा से किसानों को बहुत फायदा नहीं हुआ है.

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Deepak Kumar
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किसान आय सहयोग 12000 रुपये सालाना होना चाहिए: देविंदर शर्मा

बजट पर बोले कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा, सरकार ने की है एक अच्छी शुरुआत (पीटीआई)

कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश किया. इस बजट को किसान हितैषी बजट भी बताया जा रहा है. लेकिन कृषि विशेषज्ञ देविंदर शर्मा का मानना है कि सरकार ने किसानों की सिर्फ सुध भर ली है और एक अच्छी शुरुआत की है, मगर बजट में की गई घोषणा से किसानों को बहुत फायदा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि किसान आय सहयोग की राशि कम से कम 12,000 रुपये सालाना होनी चाहिए. गोयल ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम की घोषणा की. इसके तहत दो हेक्टेयर (पांच एकड़) तक की जोत वाले किसानों को सरकार एक निश्चित आय का सहयोग प्रदान करने के लिए सालाना 6,000 रुपये उनके खाते में सीधे हस्तांतरित करेगी. 

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इसे आय सहयोग राशि इसलिए कहा गया है क्योंकि किसानों को इस रकम से बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण व अन्य कृषि लागत में आर्थिक सहयोग मिलेगा, जिससे वे कृषि कार्य से अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगे. इसी तरह की योजना तेलंगाना और ओडिशा में पहले ही शुरू की जा चुकी है, मगर केंद्र के स्तर पर पहली बार ऐसी योजना शुरू की गई है.

शर्मा ने कहा, "सरकार के पास मौका था कि वह किसानों के लिए बड़ी घोषणा कर सकती थी. अगर ऐसा होता तो यह जरूर किसान हितैषी बजट होता. मगर, सरकार ने एक अच्छी शुरुआत की है. जो सुझाव मैंने 10 साल पहले सुझाए थे, उस पर आज अमल हुआ है. इससे मुझे खुशी है, लेकिन डारेक्ट इनकम सपोर्ट की रकम कम से कम 12,000 रुपये सालाना होनी चाहिए." 

उन्होंने कहा कि 6,000 रुपये यानी 500 रुपये महीने किसानों को प्रदान करने से उनका संकट दूर नहीं होगा, बल्कि इसके लिए बड़ी घोषणा की जरूरत है. 

बड़ी घोषणा के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि जिस तरह असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए मासिक 3,000 रुपये पेंशन की घोषणा की गई है, उसी तरह किसानों के लिए भी पेंशन होनी चाहिए, क्योंकि किसान भी तो असंगठित क्षेत्र में ही आते हैं.

उन्होंने कहा, "हालांकि अच्छी शुरुआत हो चुकी है, अब अगली सरकार पूर्ण बजट में अधिक आय सहयोग राशि की घोषणा कर सकती है. साथ ही, किसानों का संकट दूर करने के अन्य उपायों पर विचार कर सकती है."

वित्तमंत्री ने कहा कि डारेक्ट इनकम सपोर्ट की यह राशि तीन किस्तों में किसानों को प्रदान की जाएगी और प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपये होगी. यह राशि योजना के तहत पात्र किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित की जाएगी. इस योजना का लाभ 12 करोड़ किसानों को मिलेगा और इसके तहत सरकार का खर्च 75,000 करोड़ रुपये सालाना होगा.

वित्तमंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष के लिए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

और पढ़ें- पश्चिम बंगाल की रैली में बोले पीएम मोदी, बैंक अकाउंट खोलने को कहा था अब खाते में आएगा पैसा, 10 बातें

उल्लेखनीय है कि तेलंगाना में इसी तरह की रायतू बंधु योजना लागू की गई है, जिसके तहत सभी किसानों को प्रति एकड़ सालाना 10,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं. ओडिशा में सीमांत व छोटे किसानों के लिए कालिया (कृषक असिस्टेंस फॉर लाइवलीहुड एंड इन्कम ऑगमेंटेशन) योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत एक किसान परिवार को पांच सीजन के लिए 25,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं.

Source : IANS

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