इस बैंक के ग्राहकों की सस्ती होगी होम और पर्सनल लोन की EMI, जानें कितनी घटी ब्याज दरें

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने विभिन्न अवधि के कर्ज के लिए MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है. बैंक की 1 साल अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR 8.75 फीसदी से घटकर 8.70 फीसदी हो गया है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
इस बैंक के ग्राहकों की सस्ती होगी होम और पर्सनल लोन की EMI, जानें कितनी घटी ब्याज दरें

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) - फाइल फोटो

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI) के बाद सरकारी बैंक यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने भी लोन की दरों (MCLR) को कम करके ग्राहकों को सस्ती EMI का तोहफा दिया है. UBI के इस कदम के बाद ग्राहकों को होम, ऑटो और पर्सनल लोन के लिए कम ब्याज चुकाना होगा.

Advertisment

यह भी पढ़ें: SBI के इस फैसले से 42 करोड़ ग्राहकों को मिली बड़ी खुशखबरी, मिलेगा ये लाभ

कितनी कम होगी EMI
यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (UBI) ने RBI द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद दूसरी बार कर्ज की दरें घटाई हैं. UBI ने विभिन्न अवधि के कर्ज के लिए MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है. बैंक की 1 साल अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR 8.75 फीसदी से घटकर 8.70 फीसदी हो गया है. 1 और 3 महीने की अवधि वाले कर्ज के लिए ब्याज दरें (MCLR) घटकर क्रमश: 8.25 फीसदी और 8.40 फीसदी हो गई हैं. UBI की नई दरें 17 जुलाई से लागू होंगी. गौरतलब है कि यूनाइटेड बैंक ने 17 जून को भी ब्याज दरों में 0.05 फीसदी की कटौती की थी.

यह भी पढ़ें: ICICI Bank के बाद इन 2 सरकारी बैंकों ने भी दिया ग्राहकों को बड़ा तोहफा

गौरतलब है कि MCLR के घटने या बढ़ने का असर नए कर्ज लेने वालों पर पड़ता है. मतलब यह है कि अगर आपने अप्रैल 2016 के बाद कर्ज लिया है तो MCLR के घटने या बढ़ने के अनुसार ही आपकी EMI भी कम या ज्यादा हो जाती है. वहीं अप्रैल 2016 से पहले RBI द्वारा लोन देने के लिए तय नियम मिनिमम बेस रेट से कम पर बैंक ग्राहकों को कर्ज नहीं दे सकते थे.

1 अप्रैल 2016 से लागू हुआ MCLR
1 अप्रैल 2016 से MCLR लागू हुआ. MCLR को कर्ज के लिए न्यूनतम दर माना जाता है. बैंक अब MCLR के आधार पर ही लोन देते हैं.

यह भी पढ़ें: आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के इस कदम से ग्राहकों को होगा बड़ा फायदा, पढ़ें पूरी खबर

MCLR क्या है - What Is MCLR
MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट भी कहते हैं. इसके तहत बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं. ये बेंचमार्क दर होती है. इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. साथ ही MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है.

HIGHLIGHTS

  • यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया ने RBI द्वारा रेपो रेट घटाने के बाद दूसरी बार कर्ज की दरें घटाई
  • UBI ने विभिन्न अवधि के कर्ज के लिए MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती की
  • बैंक की 1 साल अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR 8.75 फीसदी से घटकर 8.70 फीसदी हुआ

latest-news RBI MCLR business news in hindi lending rate UBI State Bank headlines UBI Cuts Mclr Banking United Bank Of India
      
Advertisment