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लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) में हिस्सा खरीद के लिए इस विदेशी कंपनी ने जताई रुचि

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के फंड हाउस टिल्डन पार्क कैपिटल मैनेजमेंट ने लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) में हिस्सा खरीदने की इच्छा जताई है. इसके लिए उसने रिजर्व बैंक (RBI) से संपर्क किया है.

Updated on: 11 Feb 2020, 12:54 PM

नई दिल्ली:

लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank-LVB) में हिस्सा खरीद को लेकर खबरें आ रही हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के फंड हाउस टिल्डन पार्क कैपिटल मैनेजमेंट (Tilden Park Capital Management) ने लक्ष्मी विलास बैंक में हिस्सा खरीदने की इच्छा जताई है. इसके लिए उसने रिजर्व बैंक (RBI) से संपर्क किया है. दरअसल, LVB निवेशकों की तलाश कर रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाल ही में टिल्डन पार्क कैपिटल मैनेजमेंट के वरिष्ठ अधिकारियों ने रिजर्व बैंक से संपर्क किया था.

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हिस्सा खरीद के लिए रिजर्व बैंक से लेनी होती है मंजूरी
गौरतलब है कि किसी भी निजी बैंक में 5 फीसदी या उससे अधिक हिस्सेदारी खरीदने के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी लेनी होती है. रिजर्व बैंक की ओर से निवेशकों को इस शर्त पर हिस्सा खरीद की मंजूरी दी जाती है कि उन्हें लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद होल्डिंग को घटाकर 15 फीसदी के स्तर पर लाना जरूरी होगा. दरअसल, इंडियाबुल्स हाउसिंग के साथ अपने विलय को मंजूरी नहीं मिलने के बाद लक्ष्मी विलास बैंक यह सुनिश्चित करना चाहता है कि इस बार निवेशक को रेग्युलेटर को मंजूरी मिल जाए.

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RBI ने विलय के लिए नहीं दी थी मंजूरी
RBI ने 9 अक्टूबर को अपने पत्र के जरिए सूचित किया था कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड और इंडियाबुल्स कमर्शियल क्रेडिट लिमिटेड के लक्ष्मी विकास बैंक (LVB) के साथ विलय के आवेदन को मंजूरी नहीं दिया जा सकता. गौरतलब है कि लक्ष्मी विलास बैंक ने 7 मई 2019 को प्रस्तावित विलय के लिए RBI से मंजूरी मांगी थी.

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बता दें कि RBI ने सितंबर में लक्ष्मी विलास बैंक को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क में डाल दिया था. PCA फ्रेमवर्क में डाले जाने की वजह से बैंक ना तो नए कर्ज जारी कर सकता है और ना ही नई ब्रांच खोल सकता है. RBI ने यह कार्रवाई रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (RFL) के आरोप पर कार्रवाई की थी. लक्ष्मी विलास बैंक के ऊपर आरोप था कि बैंक ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के 790 करोड़ रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में भारी गड़बड़ी की थी.