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रिजर्व बैंक (RBI) ने एनबीएफसी (NBFC) को लोन देने के लिए आसान बनाए ये नियम

आरबीआई (RBI) के दिनांक 13 अगस्त 2019 के एक आदेश के अनुसार, कर्ज के लिए प्राथमिकता सेक्टर का टैग बैंकों द्वारा पंजीकृत एनबीएफसी को 31 मार्च 2020 तक दिया जाएगा.

Updated on: 24 Mar 2020, 09:59 AM

नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने वित्त वर्ष 2020-21 में एनबीएफसी (NBFC) को बैंक कर्ज मुहैया करवाने के लिए प्राथमिकता सेक्टर के वर्गीकरण को बढ़ा दिया है ताकि संकटग्रस्त इस सेक्टर को तरलता बनाए रखने में मदद मिलेगी. आरबीआई (RBI) के दिनांक 13 अगस्त 2019 के एक आदेश के अनुसार, कर्ज के लिए प्राथमिकता सेक्टर का टैग बैंकों द्वारा पंजीकृत एनबीएफसी को 31 मार्च 2020 तक दिया जाएगा.

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बैंक ने कहा था कि उसके बाद पात्रता की समीक्षा की जाएगी. इसमें बदलाव को लकर बैंकों के चेयरमैन, प्रबंध निदेशक व सीईओ को लिखे एक पत्र में आरबीआई ने कहा कि कर्ज के मॉडल के तहत दिया जाने वाला कर्ज प्राथमिकता सेक्टर के तहत कर्ज के पुनर्भुगतान व परिपक्वता की तारीख तक जारी रहेगी.

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चीन में वित्तीय व्यवस्था का प्रचालन स्थिर

चीनी केंद्रीय बैंक के डिप्टी गर्वनर छन यूलू ने कहा कि चीन में वित्तीय व्यवस्था का प्रचालन आम तौर पर स्थिर रहा है और वित्तीय बाजार भी स्थिर रहा है. मनी क्रेडिट का अपेक्षाकृत तेज विकास हो रहा है और राष्ट्रीय अर्थतंत्र महामारी के झटके में खड़ा हुआ है. चीन ने वैश्विक आर्थिक व वित्तीय स्थिरता के लिए अहम योगदान दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अनुमान है कि चीन में चीजों के दामों में धीरे धीरे कमी आएगी.

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उन्होंने कहा कि हाल में विदेशों में महामारी के प्रकोप से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय बाजार में डांवाडोल स्थिति आयी है. विश्व परिस्थिति ने भी चीन के आर्थिक विकास के लिए नयी चुनौती पेश की है. हाल में चीन में महामारी की रोकथाम की परिस्थिति आम तौर पर स्थिर रही है. चीन में अर्थव्यवस्था का दीर्घकालिक विकास अच्छा रहा है. चीन महामारी की रोकथाम और आर्थिक विकास की यथार्थ स्थिति के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में सक्रिय रूप से भाग लेगा और जटिल परिस्थिति से आई चुनौती का सामना करेगा.