सुप्रीम कोर्ट में ब्याज पर ब्याज की वसूली पर रोक का आग्रह करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पांच नवंबर तक टली
रिजर्व बैंक द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ऋण की किस्तों के भुगतान पर रोक की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. बैंकों ने इस सुविधा का लाभ लेने वाले ग्राहकों से ऋण की मासिक किस्तों (ईएमआई) के ब्याज पर ब्याज वसूला है, जिसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है.
नई दिल्ली:
Loan Moratorium: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने बैंकों द्वारा कर्जदारों से ब्याज पर ब्याज की वसूली पर रोक का आग्रह करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई पांच नवंबर 2020 तक टाल दी है. रिजर्व बैंक द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर ऋण की किस्तों के भुगतान पर रोक की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. बैंकों ने इस सुविधा का लाभ लेने वाले ग्राहकों से ऋण की मासिक किस्तों (ईएमआई) के ब्याज पर ब्याज वसूला है, जिसे शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई है. भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय पहले ही उच्चतम न्यायालय में अलग-अलग हलफनामा देकर कह चुके हैं कि बैंक, वित्तीय संस्थान और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफसी) पांच नवंबर तक पात्र कर्जदारों के खातों में चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के अंतर के बराबर राशि डालेंगे.
यह भी पढ़ें: फ्रेंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड की 6 बंद योजनाओं को मिले 438 करोड़ रुपये
रोक की अवधि के दौरान दो करोड़ रुपये तक के ऋण के ब्याज पर लगाए गए ब्याज को वापस करेंगे बैंक
बैंकों ने कहा है कि वे रोक की अवधि के दौरान दो करोड़ रुपये तक के ऋण के ब्याज पर लगाए गए ब्याज को वापस करेंगे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार को न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने आग्रह किया कि वह केंद्र की ओर से सेंट्रल विस्टा परियोजना से संबंधित मामले की सुनवाई में व्यस्त हैं, ऐसे में इस मामले की सुनवाई टाली जाए. केंद्र की ओर से अधिवक्ता अनिल कटियार ने भी संबंधित पक्षों और पीठ को सुनवाई टालने का आग्रह करने वाला पत्र दिया. पीठ ने उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई पांच नवंबर तक टाल दी। इनमें गजेंद्र शर्मा की याचिका भी शामिल है.
यह भी पढ़ें: रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में निवेश की इच्छा रखने वालों के लिए आई बड़ी खबर, जानिए क्या
RBI ने एक मार्च से 31 अगस्त तक दी थी ऋण की किस्त के भुगतान पर रोक की सुविधा
कोविड-19 महामारी के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने एक मार्च से 31 अगस्त तक ऋण की किस्त के भुगतान पर रोक की सुविधा दी थी. इस सुविधा का लाभ लेने वाले ग्राहकों से बैंकों द्वारा ईएमआई के ब्याज पर ब्याज वसूलने को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं. इससे पहले रिजर्व बैंक ने उच्चतम न्यायालय में अपने हलफनामे में कहा था कि उसने सभी बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे दो करोड़ रुपये तक के कर्ज पर ग्राहकों को चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के बीच अंतर के बराबर राशि लौटाएं. इसके साथ ही केंद्र ने भी सूचित किया था कि बैंकों से चक्रवृद्धि और साधारण ब्याज के बीच के अंतर के बराबर राशि ग्राहकों के खातों में पांच नवंबर तक डालने को कहा गया है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह