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स्टेट बैंक (SBI) ने फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) को लेकर किया बड़ा फैसला, होगा ये नुकसान

SBI ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी को देखते हुए 2 करोड़ रुपये से कम के रिटेल डिपॉजिट और 2 करोड़ रुपये से अधिक के बल्क डिपॉजिट (Fixed Deposit) की ब्याज दरों में कटौती करने की घोषणा की है.

Updated on: 08 Feb 2020, 12:15 PM

नई दिल्ली:

देश के सबसे बड़े बैंक सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) ने 42 करोड़ ग्राहकों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) की दरों को लेकर बड़ा फैसला किया है. SBI के ताजा फैसले से ग्राहकों को अब बैंक की FD के ऊपर कम ब्याज मिलेगा. दरअसल, SBI ने फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में कटौती करने का ऐलान किया है. बैंक ने बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी को देखते हुए 2 करोड़ रुपये से कम के रिटेल डिपॉजिट और 2 करोड़ रुपये से अधिक के बल्क डिपॉजिट की ब्याज दरों में कटौती करने की घोषणा की है.

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SBI ने रिटेल FD पर मिलने वाले ब्याज दर में 0.1 से 0.5 फीसदी और बल्क डिपॉजिट में 0.25 फीसदी से 0.50 फीसदी तक की कटौती की है. SBI की फिक्स्ड डिपॉजिट की नई दरें 10 फरवरी से प्रभावी हो जाएंगी.

अवधि  मौजूदा FD रेट  संशोधित FD रेट सीनियर सिटीजन के लिए नए FD रेट 
7 से 45 दिन   4.5 फीसदी 4.5 फीसदी  5 फीसदी
46 से 179 दिन 5.5 फीसदी 5 फीसदी 5.5 फीसदी
180 से 210 दिन 5.8 फीसदी 5.5 फीसदी 6 फीसदी
211 दिन से एक साल 5.8 फीसदी 5.5 फीसदी 6 फीसदी
1 से 2 साल 6.1 फीसदी 6 फीसदी 6.5 फीसदी
2 से 3 साल 6.1 फीसदी 6 फीसदी 6.5 फीसदी
3 से 5 साल 6.1 फीसदी 6 फीसदी 6.5 फीसदी
5 से 10 साल   6.1 फीसदी 6 फीसदी 6.5 फीसदी

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SBI ने MCLR में 0.05 फीसदी की कटौती की थी

SBI ने सभी परिपक्वता अवधि के कर्ज के ऊपर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी की कटौती करने का ऐलान किया है. बता दें कि SBI ने चालू वित्त वर्ष में लगातार नवीं बार MCLR में कटौती करने का ऐलान किया है. MCLR घटने के बाद एसबीआई के ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सस्ता हो गया है. SBI ने कहा कि नई दरें 10 फरवरी से प्रभावी होंगी. बैंक ने एक बयान में कहा कि इस कटौती के बाद एक साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण का एमसीएलआर (MCLR) कम होकर 7.85 प्रतिशत पर आ गया है. बैंक ने एमसीएलआर में यह कटौती रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा के एक दिन बाद की थी.

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बता दें कि रिजर्व बैंक ने बैठक के बाद बृहस्पतिवार को रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथवत बनाये रखा. हालांकि केंद्रीय बैंक ने एक लाख करोड़ रुपये तक की राशि के लिये दीर्घकालिक रेपो की घोषणा की. इससे वाणिज्यिक बैंकों के लिये कर्ज जुटाना सस्ता हो गया है.