SBI के इस फैसले से 42 करोड़ ग्राहकों को मिली बड़ी खुशखबरी, मिलेगा ये लाभ
SBI की कटौती के बाद 1 साल की अवधि वाले कर्ज के लिए MCLR घटकर 8.40 फीसदी हो गया है. 3 महीने और 6 महीने की अवधि वाले कर्ज पर ब्याज दर 0.05 फीसदी घटकर क्रमश: 8.10 फीसदी और 8.25 फीसदी हो गई है.
highlights
- SBI ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है
- MCLR घटने के बाद ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सस्ता हो गया है
- SBI के ग्राहकों को बुधवार यानि 10 जुलाई से दरें घटने का फायदा मिलने लगेगा
नई दिल्ली:
सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के ताजा फैसले से 42 करोड़ ग्राहकों के जीवन पर बड़ा असर पड़ने वाला है. दरअसल, SBI ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी की कटौती कर दी है. MCLR घटने के बाद एसबीआई के ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन सस्ता हो गया है. SBI के ग्राहकों को बुधवार यानि 10 जुलाई से दरें घटने का फायदा मिलने लगेगा.
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SBI का नया MCLR
- 3 महीने की MCLR 8.10 फीसदी
- 6 महीने की MCLR 8.25 फीसदी
- 1 साल की MCLR 8.40 फीसदी
- 2 साल की MCLR 8.50 फीसदी
- 3 साल की MCLR 8.60 फीसदी
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सस्ता हो जाएगा होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के इस कदम के बाद ग्राहकों का होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन सस्ता हो जाएगा. गौरतलब है कि MCLR घटने से मौजूदा लोन सस्ते हो जाते हैं. ग्राहकों को पुरानी EMI के मुकाबले घटी हुई EMI देनी पड़ती है.
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रेपो रेट से जुड़े कर्ज दरों में मिलेगा लाभ
गौरतलब है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने 1 जुलाई से रेपो रेट से जुड़े कर्ज की दरों को 0.30 फीसदी तक घटा दिया है. 1 जुलाई से रेपो रेट से लिंक सभी कर्ज 0.30 फीसदी तक सस्ते मिलने लगेंगे. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में बैंकों से रेपो रेट कटौती का फायदा कस्टमर्स तक पहुंचाने को कहा था.
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MCLR क्या है - What is MCLR
MCLR को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट भी कहते हैं. इसके तहत बैंक अपने फंड की लागत के हिसाब से लोन की दरें तय करते हैं. ये बेंचमार्क दर होती है. इसके बढ़ने से आपके बैंक से लिए गए सभी तरह के लोन महंगे हो जाते हैं. साथ ही MCLR घटने पर लोन की EMI सस्ती हो जाती है.
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