शेयर बाजारों में आई रिकॉर्ड तेजी के बीच S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने बैंकिंग सेक्टर को लेकर जारी किया डराने वाला अनुमान
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) की क्रेडिट विश्लेषक दीपाली सेठ-छाबड़िया ने कहा कि दूसरी तिमाही में वित्तीय संस्थानों का प्रदर्शन हमारी उम्मीद से बेहतर रहा है.
नई दिल्ली :
भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की गैर-निष्पादित आस्तियां (NPA) अगले 12 से 18 माह के दौरान बढ़कर कुल ऋण के 11 प्रतिशत तक पहुंच सकती हैं. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Ratings) ने मंगलवार को यह अनुमान लगाया है. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि ऋण को डूबे कर्ज के रूप में वर्गीकृत नहीं करने की वजह से दबाव वाली संपत्तियां ‘छुप’ जा रही हैं. कोविड-19 महामारी (Coronavirus Epidemic) की वजह से इन संपत्तियों पर दबाव बना है. एसएंडपी ने कहा कि इस साल कुल कर्ज में एनपीए के अनुपात में काफी गिरावट के बाद वित्तीय संस्थानों के लिए आगे इसे कायम रख पाना मुश्किल होगा.
यह भी पढ़ें: 6 दिन में 53 फीसदी से ज्यादा टूट गया लक्ष्मी विलास बैंक का शेयर
बैंकिंग क्षेत्र का डूबा कर्ज 12 से 18 माह में बढ़कर 10 से 11 प्रतिशत पर पहुंच सकता है: दीपाली सेठ-छाबड़िया
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की क्रेडिट विश्लेषक दीपाली सेठ-छाबड़िया ने कहा कि दूसरी तिमाही में वित्तीय संस्थानों का प्रदर्शन हमारी उम्मीद से बेहतर रहा है. इसकी प्रमुख वजह छह माह तक कर्ज की किस्त के भुगतान पर स्थगन तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा किसी कर्जदार के खाते को गैर-निष्पादित आस्तियों के रूप में वर्गीकृत करने की रोक है. एसएंडपी की रिपोर्ट ‘द स्ट्रेस फ्रैक्चर्स इन इंडियन फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशंस’ में कहा गया है कि ऋण की किस्त के भुगतान पर रोक की छूट 31 अगस्त, 2020 को समाप्त हो चुकी है. ऐसे में बैंकिंग क्षेत्र का डूबा कर्ज अगले 12 से 18 माह में बढ़कर 10 से 11 प्रतिशत पर पहुंच सकता है. 30 जून, 2020 को यह आठ प्रतिशत पर था.
यह भी पढ़ें: 50 डॉलर के पार जाएगा ब्रेंट क्रूड?, क्या है विशेषज्ञों की राय, जानिए यहां
एसएंडपी ने कहा कि इस साल और अगले वर्ष बैंकिंग प्रणाली की ऋण की लागत 2.2 से 2.9 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी रहेगी. एसएंडपी ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां शुरू होने, लघु और मध्यम आकार के उपक्रमों को सरकार की ओर से ऋण गारंटी और तरलता की बेहतर स्थिति से दबाव कम हो रहा है. हमारा डूबे कर्ज का अनुमान पिछले अनुमान से कम है, इसके बावजूद हमारा विचार है कि वित्तीय क्षेत्र 31 मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष तक इस स्थिति से पूरी तरह उबर नहीं पाएगा. एसएंडपी ने कहा कि तीन से आठ प्रतिशत ऋण का पुनर्गठन हो सकता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी