logo-image

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सस्ते कर दिए होम, पर्सनल और ऑटो लोन, जानिए क्या है नई दरें

एसबीआई (SBI) के जारी वक्तव्य में कहा गया है कि एमसीएलआर में यह कटौती तीन माह तक के लिये दिये जाने वाले कर्ज पर लागू होगी. जानकारी के मुताबिक बैंक के द्वारा ब्याज दरों में कटौती का मकसद कर्ज में उठाव और मांग को बढ़ावा देना है.

Updated on: 08 Jul 2020, 12:29 PM

नई दिल्ली :

देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India) ने बुधवार को कहा कि उसने कम अवधि के कर्ज पर कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) में 0.05 से लेकर 0.10 प्रतिशत तक कटौती की है. यह कटौती 10 जुलाई से लागू होगी. एसबीआई (SBI) के जारी वक्तव्य में कहा गया है कि एमसीएलआर में यह कटौती तीन माह तक के लिये दिये जाने वाले कर्ज पर लागू होगी. जानकारी के मुताबिक बैंक (Latest SBI News) के द्वारा ब्याज दरों में कटौती का मकसद कर्ज में उठाव और मांग को बढ़ावा देना है.

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार की नीतियों के आलोचक रहे पूर्व RBI गवर्नर का रुख बदला, अब कही ये बड़ी बात

एसबीआई ने लगातार 14वीं बार घटाया MCLR
एमसीएलआर में की गई इस कटौती के बाद तीन माह तक की अवधि के कर्ज पर बैंक की ब्याज दर घटकर 6.65 प्रतिशत वार्षिक रह जायेगी. यह दर बैंक की बाहरी बेंचमार्क आधारित ब्याज दर (ईबीएलआर) के बराबर हो गई है. स्टेट बैंक की एमसीएलआर दर में की गई यह लगातार 14वीं कटौती है. इस कटौती के बाद भी यह दर बाजार में सबसे कम है.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: सोने-चांदी में खरीदारी की रणनीति बनाएं निवेशक, देखें आज की बेहतरीन ट्रेडिंग कॉल्स 

10 जून को 0.25 फीसदी की कटौती का किया था ऐलान

बता दें कि इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक ने 10 जून से अपनी कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (MCLR) में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया था. बैंक ने एक साल की अवधि की एमसीएलआर दर को 7.25 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया था. एसबीआई की ओर से लगातार 13वीं बार एमसीएलआर दर (MCLR Rate) में कटौती की गई थी. स्टेट बैंक इससे पहले बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी रिण दर (ईबीआर) के साथ ही रेपो दर से जुड़ी कर्ज की ब्याज दर (आरएलएलआर) में एक जुलाई से 0.40 प्रतिशत कटौती की घोषणा कर चुका था. बैंक ने ईबीआर दर को 7.05 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत सालाना कर दिया था. वहीं रेपो दर से जुड़ी ब्याज दर को 6.65 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था. (इनपुट भाषा)