logo-image

रिजर्व बैंक ने बैंकों को मुनाफा अपने पास रखने और डिविडेंड नहीं देने को कहा

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महामारी की प्रतिक्रिया में केंद्रीय बैंक ने कर्जदारों के बीच दिक्कतों का समाधान करने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए अर्थव्यवस्था में ऋण का प्रवाह बनाये रखने पर ध्यान दिया है.

Updated on: 04 Dec 2020, 03:09 PM

मुंबई:

RBI Monetary Policy 4 Dec 2020: रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण आये आर्थिक व्यवधान को देखते हुए वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों से शुक्रवार को कहा कि वे मार्च 2020 में समाप्त हुए वित्त वर्ष का मुनाफा अपने पास रखें. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों को 2019-20 के लिये लाभांश (Dividend) का भुगतान करने की जरूरत नहीं है. केंद्रीय बैंक ने महामारी के चलते कायम दबाव तथा बढ़ी अनिश्चितता का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे समय में अर्थव्यवस्था को सहारा देने और कोई हानि होने की स्थिति में उसे संभाल लेने के लिये बैंकों के द्वारा पूंजी को संरक्षित रखना जरूरी है.

यह भी पढ़ें: RBI Credit Policy: यहां जानिए रिजर्व बैंक की क्रेडिट पॉलिसी की 15 बड़ी बातें

वाणिज्यक व सहकारी बैंक वित्त वर्ष 2019-20 के लिये लाभ अपने पास ही रखेंगे 
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महामारी की प्रतिक्रिया में केंद्रीय बैंक ने कर्जदारों के बीच दिक्कतों का समाधान करने और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करते हुए अर्थव्यवस्था में ऋण का प्रवाह बनाये रखने पर ध्यान दिया है. उन्होंने कहा कि इस प्रयास को आगे बढ़ाते हुए तथा नये कर्ज वितरण की गुंजाइश बनाते हुए बैंकों को पूंजी संरक्षण में मदद करने के लिये एक समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है कि वाणिज्यक व सहकारी बैंक वित्त वर्ष 2019-20 के लिये लाभ अपने पास ही रखेंगे और वे किसी प्रकार का लाभांश नहीं देंगे. इस बारे में दिशानिर्देश शीघ्र ही जारी किये जायेंगे. 

यह भी पढ़ें: अगर आप FD पर ज्यादा ब्याज चाहते हैं तो यह खबर एक बार जरूर पढ़ लीजिए

रिजर्व बैंक ने अप्रैल में कहा था कि विनियमित वाणिज्यिक बैंक और सहकारी बैंक 31 मार्च 2020 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिये अगले आदेश तक लाभ से किसी तरह के लाभांश का भुगतान नहीं करेंगे. रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों की तरह गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के द्वारा लाभांश के वितरण के संबंध में फिलहाल कोई दिशानिर्देश नहीं है. दास ने कहा कि वित्तीय प्रणाली में एनबीएफसी के बढ़ते महत्व तथा विभिन्न अन्य क्षेत्रों के साथ इसके अंतर्संबंध को देखते हुए एनबीएफसी के द्वारा लाभांश वितरण को लेकर दिशानिर्देश निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है.