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सहकारी बैंकों में जमा पैसे की सुरक्षा के लिए RBI ने उठाया ये बड़ा कदम

आठ सदस्यीय समिति शहरी सहकारी बैंकों के संबंध में RBI और अन्य प्राधिकरणों द्वारा उठाए गए विनियामक उपायों का जायजा लेगी और पिछले पांच वर्षों में उनके प्रभाव का आकलन करेगी ताकि उनके सामाजिक-आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति में प्रमुख बाधाओं की पहचान की जा सके.

Updated on: 16 Feb 2021, 08:55 AM

highlights

  • RBI ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया
  • समिति रिजर्व बैंक और अन्य प्राधिकरणों द्वारा उठाए गए विनियामक उपायों का जायजा लेगी

मुंबई :

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank-RBI) ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए पूर्व डिप्टी गवर्नर एन.एस. विश्वनाथन की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है. आठ सदस्यीय समिति शहरी सहकारी बैंकों (Urban Co-Operative Banks-UCB) के संबंध में रिजर्व बैंक और अन्य प्राधिकरणों द्वारा उठाए गए विनियामक उपायों का जायजा लेगी और पिछले पांच वर्षों में उनके प्रभाव का आकलन करेगी ताकि उनके सामाजिक-आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति में प्रमुख बाधाओं की पहचान की जा सके. आरबीआई के बयान में कहा गया है कि यह समिति बैंकिंग नियामक अधिनियम, 1949 के हालिया संशोधनों को ध्यान में रखते हुए, वर्तमान नियामक/पर्यवेक्षी दृष्टिकोण की समीक्षा करेगी और क्षेत्र को मजबूत करने के लिए उपयुक्त उपायों/परिवर्तनों की सिफारिश करेगी.

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यूसीबी के तेजी से पुनर्वास और संकल्प के लिए प्रभावी उपाय सुझाने और क्षेत्र में समेकन की क्षमता का आकलन करने के साथ-साथ, यह समिति अंतर विनियमों की आवश्यकता पर भी विचार करेगी और यूसीबी के लिए अनुमेय गतिविधियों में अधिक उत्तोलन की अनुमति देने के लिए संभावनाओं की जांच करेगी ताकि उनका लचीलापन बढ़ाया जा सके. समिति के अन्य सदस्यों में नाबार्ड के पूर्व अध्यक्ष हर्ष कुमार भानवाला, चार्टर्ड एकाउंटेंट मुकुंद एम. चितले और आईआईएम बेंगलोर के एम.एस. श्रीराम भी शामिल हैं.

यह समिति सहयोग के सिद्धांतों के साथ-साथ जमाकर्ताओं (डिपॉजिटर्स) के हित और प्रणालीगत मुद्दों के संबंध में एक जीवंत और लचीला शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार करेगा. बयान में कहा गया है कि समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी.

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6 महीने की अवधि के लिए निकासी पर पाबंदी  

बता दें कि RBI ने महाराष्ट्र के नासिक स्थित इंडिपेन्डेन्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Independence Co-operative Bank Limited) से पैसा निकालने पर रोक लगा दिया है. बुधवार को रिजर्व बैंक के द्वारा जारी बयान के मुताबिक हालांकि इंडिपेन्डेन्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के 99.88 प्रतिशत जमाकर्ता पूर्ण रूप से डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) बीमा योजना के दायरे में आते हैं. RBI का कहना है कि इस बीमा योजना के तहत बैंक के सभी जमाकर्ता अपनी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि पर जमा बीमा दावा रकम डीआईसीसी से हासिल करने के हकदार हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक से निकासी के ऊपर पाबंदी 6 महीने की अवधि के लिए लगाई है. आरबीआई का कहना है कि बैंक की मौजूदा नकदी की स्थिति को देखते हुए जमाकर्ताओं को बचत या चालू खाता अथवा अन्य किसी भी खाते से जमा राशि में से कोई भी रकम निकालने की अनुमति नहीं होगी. (इनपुट आईएएनएस)