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RBI Credit Policy-रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति का ऐलान किया, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा की.

Updated on: 07 Apr 2021, 10:58 AM

highlights

  • रेपो रेट पहले 4 प्रतिशत थी जो बरकरार रखी गई है
  • रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर ही रखा गया है

मुंबई:

RBI Monetary Policy: देश में केंद्रीय बैंक आरबीआई ने आज अगली तिमाही के लिए मौद्रिक नीति (RBI Credit Policy) का ऐलान किया है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा की. आईबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर और रिवर्स रिपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. आज घोषित ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 

आरबीआई ने मौद्रिक नीति का ऐलान किया, ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं, आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. यह पहले 4 प्रतिशत थी जो बरकरार रखी गई है. वहीं, रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 प्रतिशत पर ही रखा गया है. आरबीआई ने बैंक रेट को भी 4.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. एमएसएफ रेट को भी 4.25 प्रतिशत पर रखा गया है. यह भी पहले की तरह ही है. 

आरबीआई ने कहा कि वृद्धि को समर्थन देने तथा मुद्रास्फीति को लक्षित स्पर पर बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक उदार मौद्रिक नीति को जारी रखेगा. RBI ने नीतिगत दरों पर लगातार पांचवीं बार यथास्थिति बरकरार रखा और रेपो दर चार प्रतिशत पर ही रखा है. आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि हाल में कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी ने आर्थिक वृद्धि दर में सुधार को लेकर अनिश्चितता पैदा की है. आरबीआई ने जीडीपी विकास दर को 10.5 प्रतिशत पर प्रोजेक्ट किया है. यह वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए बताया गया है. 

वहीं महंगाई पर बात रखते हुए आरबीआई गवर्नर शशिकांत दास ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में यह 5 प्रतिशत और वित्तीय वर्ष 2022 के पहली छमाही में यह 5.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. वहीं, तीसरी तिमाही और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत तथा 5.1 प्रतिशत की क्रमश: कमी होने की उम्मीद है. साथ ही आरबीआई ने एनईएफटी और आरटीजीएस के दायरों के बैंकों से बढ़ाकर उन सभी डिजिटल इटरमीडियरीज के लिए खोल दिया है जो इसमें शामिल हैं.