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सुप्रीम कोर्ट ने EMI पर ब्याज के मामले में RBI और सरकार को ठोस निर्णय लेने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया

सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को इस मामले पर ठोस निर्णय लेने के लिए 2 हफ्ते का और समय दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 31 अगस्त को खत्म हो रही मोरेटोरियम अवधि को बढ़ाने पर विचार की भी बात कही है. इसी बीच पुराना अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा.

Updated on: 10 Sep 2020, 12:16 PM

नई दिल्ली:

मोरेटोरियम अवधि के दौरान टाली गई EMI पर ब्याज न लेने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 28 सितंबर 2020 तक के लिए टल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार को इस मामले पर ठोस निर्णय लेने के लिए 2 हफ्ते का और समय दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 31 अगस्त को खत्म हो रही मोरेटोरियम अवधि को बढ़ाने पर विचार की भी बात कही है. इसी बीच पुराना अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा.

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बता दें कि पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कहा था कि कोरोना का असर हर किसी पर पड़ा है, लेकिन हर सेक्टर पर इसका असर अलग अलग है. हर सेक्टर की स्थिति पर विचार जरूरी है लेकिन बैंकिंग सेक्टर का भी ध्यान रखना होगा.

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बैक खातों को अगले आदेश तक NPA घोषित नहीं किया जाएगा

उन्होंने कहा था कि बैंकिंग अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. मोरेटियम की घोषणा इसलिए की गई थी ताकि कोरोना और लॉकडाउन के चलते लोगो पर पेमेंट के दबाव को कम किया जा सके लेकिन ब्याज से छूट देना इसका मकसद नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कहा था कि मोरेटोरियम और चक्रवृद्धि ब्याज दोनों एक साथ नहीं चल सकते. आरबीआई को ये साफ करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि जिन बैक खातों को 31 अगस्त तक NPA घोषित नहीं किया गया है, उन्हें अगले आदेश तक NPA घोषित नहीं किया जाएगा.