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Cryptocurrency: गलत हाथों में ना जाए पैसा...युवा हो सकते हैं बर्बाद, PM मोदी ने जताई चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि 2014 के पहले की जितनी भी परेशानियां थीं, चुनौतियां थीं हमने एक-एक करके उनके समाधान के रास्ते तलाशे हैं. हमने एनपीए की समस्या को सुलझाने का काम किया है.

Updated on: 18 Nov 2021, 01:51 PM

highlights

  • 2014 के पहले की चुनौतियों के लिए हमने समाधान के रास्ते निकाले
  • भारत के मैन्यूफैक्चर्स अपनी कैपिसिटी कई गुना बढ़ाएं: पीएम नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा है कि सरकार ने बीते 6-7 साल में बैंकिंग सेक्टर में जो रिफॉर्म्स किए, बैंकिंग सेक्टर का हर तरह से सपोर्ट किया, उस वजह से आज देश का बैंकिंग सेक्टर बहुत मजबूत स्थिति में है. उन्होंने कहा कि आप भी ये महसूस करते हैं कि बैंकों की फाइनेंशियल हेल्थ अब काफी सुधरी हुई स्थिति में है. हम IBC जैसे रिफॉर्म्स लाए और अनेक कानूनों में सुधार किए, Debt रिकवरी ट्रिब्यूनल को सशक्त किया. कोरोना काल में देश में एक डेडिकेटेड Stressed Asset Management Vertical का गठन भी किया गया है. उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंता भी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि क्रिप्टोकरेंसी पर सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र एक साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए. इससे हमारे युवाओं का भविष्य खराब हो सकता है.

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उन्होंने कहा कि 2014 के पहले की जितनी भी परेशानियां थीं, चुनौतियां थीं हमने एक-एक करके उनके समाधान के रास्ते तलाशे हैं. हमने एनपीए की समस्या को सुलझाने का काम किया है, बैंकों को रिकैपटलाइज किया, उनकी ताकत को बढ़ाया है. आज भारत के बैंकों की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि वो देश की इकॉनॉमी को नई ऊर्जा देने में, एक बड़ा Push देने में, भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने कहा कि वह इस फेज को भारत के बैंकिंग सेक्टर का एक बड़ा हिस्सा मानते हैं.

उन्होंने कहा कि आप Approver हैं और सामने वाला Applicant. आप दाता हैं और सामने वाला याचक, इस भावना को छोड़कर अब बैंकों को पार्टनरशिप का मॉडल अपनाना होगा. आप सभी PLI स्कीम के बारे में जानते हैं. इसमें सरकार भी कुछ ऐसा ही कर रही है. जो भारत के मैन्यूफैक्चर्स हैं, वो अपनी कैपिसिटी कई गुना बढ़ाएं, खुद को ग्लोबल कंपनी में बदलें, इसके लिए सरकार उन्हें प्रॉडक्शन पर इंसेटिव दे रही है. बीते कुछ समय में देश में जो बड़े-बड़े परिवर्तन हुए हैं, जो योजनाएं लागू हुई हैं, उनसे जो देश में डेटा का बड़ा पूल क्रिएट हुआ है, उनका लाभ बैंकिंग सेक्टर को जरूर उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज जब देश Financial Inclusion पर इतनी मेहनत कर रहा है तब नागरिकों के प्रोडक्टिव पोटेंशियल को अनलॉक करना बहुत जरूरी है. जैसे अभी बैंकिंग सेक्टर की ही एक रिसर्च में सामने आया है कि जिन राज्यों में जनधन खाते जितने ज्यादा खुले हैं, वहां क्राइम रेट उतना ही कम हुआ है.