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पीएमसी बैंक (PMC Bank) के जमाकर्ताओं ने RBI मुख्यालय का घेराव करने और भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खाताधारकों ने आरोप लगाया है कि सरकार पीएमसी बैंक (PMC Bank) के साथ पक्षपात कर रही है और वित्तीय संकट को हल करने के लिए तैयार नहीं है. उनका कहना है कि 15 महीने हो गए हैं और एक भी गिरवी संपत्ति की नीलामी नहीं की गई है.

Updated on: 14 Dec 2020, 04:19 PM

नई दिल्ली :

पंजाब और महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (PMC Bank) के खाताधारकों और जमाकर्ताओं ने कहा है कि अगर सरकार ने 22 दिसंबर 2020 को समाप्त होने वाली 1 लाख रुपये की निकासी सीमा पर रोक लगा दी तो वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे. बता दें कि पीएमसी) बैंक के जमाकर्ताओं और खाताधारकों ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को मुंबई के आजाद मैदान में धरना दिया था. शुक्रवार को हुए विरोध प्रदर्शन में लगभग 100 जमाकर्ताओं ने भाग लिया.

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खाताधारकों ने सरकार के ऊपर पक्षपात का लगाया आरोप 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खाताधारकों ने आरोप लगाया है कि सरकार पीएमसी बैंक के साथ पक्षपात कर रही है और वित्तीय संकट को हल करने के लिए तैयार नहीं है. उनका कहना है कि 15 महीने हो गए हैं और एक भी गिरवी संपत्ति की नीलामी नहीं की गई है. सरकार जमाकर्ताओं की चिंताओं के बारे में गंभीर नहीं है और हर बार वे हमें झूठे आश्वासन देते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जमाकर्ताओं ने कहा है कि अगर वे समस्या का जल्द समाधान नहीं करते हैं तो हम आरबीआई मुख्यालय का घेराव करने का साथ ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खाताधारकों का आरोप है कि सरकार अगर 14 दिन के भीतर यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक के वित्तीय संकटों को हल कर सकती है, तो उन्होंने पीएमसी बैंक जमाकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा में इतनी गंभीरता क्यों नहीं दिखाई? सरकार ने सहकारी बैंकों के जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सितंबर में बैंकिंग विनियमन अधिनियम में संशोधन किया, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं हो रहा है. आजाद मैदान में हुए प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उनकी गाढ़ी कमाई बैंक में फंस गई है.  

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पिछले साल सितंबर 2019 में सामने आया था मामला
RBI को पिछले साल सितंबर 2019 में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक में चल रहे कथित घोटाले की जानकारी हुई थी. भारतीय रिजर्व बैंक ने पाया था कि पीएमसी बैंक ने लगभग दिवालिया हो चुकी एचडीआईएल को दिये 4,355 करोड़ रुपये के ऋणों को छिपाने के लिए कथित तौर पर फर्जी खाते बनाए गए थे. RBI ने उस समय सख्त कदम उठाते हुए पीएमसी बैंक से पैसे निकालने पर लिमिट लगा दी थी. मामले की शुरुआत में अकाउंट से 50 हजार रुपये कैश निकालने की लिमिट लगाई गई थी लेकिन बाद में उस सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया था.