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जानिए क्यों इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) ने मोदी सरकार से मांगे एक हजार करोड़ रुपये

सरकारी क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank-IOB) को लगातार तीन तिमाहियों से लाभ हुआ है. बैंक को चालू वित्त वर्ष में यह क्रम आगे भी जारी रहने की उम्मीद है. बैंक को सितंबर तिमाही में 148 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है.

Updated on: 09 Nov 2020, 10:31 AM

नई दिल्ली:

इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank-IOB) ने बैंक ने आकस्मिक आवश्यकताओं को लेकर सुरक्षित कोष बनाने के लिये सरकार से एक हजार करोड़ रुपये की मदद की मांग की है. सरकारी क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक को लगातार तीन तिमाहियों से लाभ हुआ है. बैंक को चालू वित्त वर्ष में यह क्रम आगे भी जारी रहने की उम्मीद है. बैंक को सितंबर तिमाही में 148 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है, जबकि साल भर पहले की समान अवधि में उसे 2,254 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. 

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सितंबर तिमाही में इंडियन ओवरसीज बैंक का लाभ 22.3 फीसदी बढ़ा
इंडियन ओवरसीज बैंक का लाभ जून तिमाही के 121 करोड़ रुपये की तुलना में सितंबर तिमाही में 22.3 प्रतिशत बढ़ा है. आईओबी के प्रबंध निदेशक पीपी सेनगुप्ता ने कहा कि हम क्रम के आगे भी जारी रहने की उम्मीद करते हैं. अब पीछे जाने का सवाल नहीं है. पूंजीगत जरूरतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे लाभ से पूंजी की स्थिति मजबूत हो. यह हमारा आंतरिक लक्ष्य है और हम इस लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. 

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उन्होंने कहा कि देखना है कि हमें कितनी मदद मिल पाती है. हम किसी आकस्मिक आवश्यकता को लेकर सुरक्षित पूंजी रखना चाहते हैं. हमने सरकार से पूंजीगत समर्थन की मांग भी की है.