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Yes Bank के डूबने पर आपके अकाउंट में कितना पैसा रहेगा सुरक्षित, जानिए RBI के नियम

रिजर्व बैंक (RBI) के इस आदेश के तहत 3 अप्रैल तक यस बैंक के ग्राहक 1 महीने में यस बैंक (Yes Bank) से 50 हजार से ज़्यादा की रकम नहीं निकाल सकते हैं. बता दें कि करीब 6 महीने पहले PMC बैंक के ऊपर RBI ने ऐसी ही सख्ती दिखाई थी.

Updated on: 06 Mar 2020, 11:33 AM

नई दिल्ली:

रिजर्व बैंक (Reserve Bank) ने यस बैंक (Yes Bank) से पैसा निकालने की लिमिट को तय कर दिया है. रिजर्व बैंक के इस आदेश के तहत 3 अप्रैल तक यस बैंक के ग्राहक 1 महीने में यस बैंक से 50 हजार से ज़्यादा की रकम नहीं निकाल सकते हैं. बता दें कि करीब 6 महीने पहले PMC बैंक के ऊपर RBI ने ऐसी ही सख्ती दिखाई थी. गौरतलब है कि 16 साल बाद किसी बड़े बैंक पर RBI की सख्ती दिखाई पड़ रही है. 2004 में ग्लोबल ट्रस्ट बैंक पर रिजर्व बैंक ने पाबंदी लगाई थी. 

रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा है कि यस बैंक के हित में फैसले लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि यस बैंक मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा. यस बैंक में खाताधारकों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित है.

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पैसे की निकासी की सीमा तय होने के बाद ग्राहकों में घबराहट का माहौल

रिजर्व बैंक ने यस बैंक के मैनेजमेंट का टेकओवर भी कर लिया है. बता दें यस बैंक से पैसा निकासी की लिमिट तय होने की खबर फैलते ही यस बैंक के ATM पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. मीडिया रिपोर्ट्स यस बैंक की नेट बैंकिंग और ATM सेवा को बंद कर दिया गया है. ऑनलाइन सेवाएं बंद होने की वजह से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जानकारों का कहना है कि यस बैंक की मौजूदा स्थितियों को देखते हुए बैंक के ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है.

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बैंक डूबने या दिवालिया होने पर ग्राहकों को मिलेंगे 1 लाख रुपये

नियमों के तहत अगर कोई बैंक डूब भी जाए या दिवालिया हो जाए तो उस बैंक के ग्राहकों को न्यूनतम 1 लाख रुपये मिलेंगे. हालांकि उनके अकाउंट में अगर उससे ज्यादा रकम भी हो तो भी उन्हें सिर्फ 1 लाख रुपये ही मिलेंगे. रिजर्व बैंक की सब्सिडियरी कंपनी डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation-DICGC) के मुताबिक डीआईसीजीसी कानून 1961 की धारा 16 (1) के तहत अगर बैंक विफल होता है या उसे बंद करना पड़ता है तो डीआईसीजीसी प्रत्येक जमाकर्ता को परिसमापक के जरिये बीमा कवर के रूप में एक लाख रुपये तक देने के लिये जवाबदेह है. इसमें विभिन्न शाखाओं में जमा मूल राशि और ब्याज दोनों शामिल हैं.

DICGC बचत, फिक्स्ड डिपॉजिट, करंट और रेकरिंग डिपॉजिट खातों को कवर करता है. बता दें कि बैंक के डूबने की स्थिति में पैसा ग्राहकों को कैसे मिलेगा इसकी गाइडलाइन DICGC तय करता है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पूछे जाने पर कि क्या पीएमसी बैंक धोखाधड़ी को देखते हुए एक लाख रुपये की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव है, डीआईसीजीसी ने कहा कि कॉरपोरेशन के पास ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. डीआईसीजीसी कानून के तहत सभी पात्र सहकारी बैंक भी आते हैं. आरटीआई के जवाब में उसने कहा कि बैंक में जो भी पैसा जमा करता है, उसे अधिकतम एक लाख रुपये तक बीमा कवर मिलता है. इसका मतलब है कि अगर किसी कारण से बैंक विफल होता है या उसे बंद किया जाता है अथवा बैंक का लाइसेंस रद्द होता है, उस स्थिति में उसे एक लाख रुपये हर हाल में मिलेगा. भले ही बैंक में आपने कितनी भी ज्यादा राशि क्यों न जमा कर रखी हो.